मुंबई। अनिल अंबानी की अगुवाई में रिलायंस कंपनी समूह की अपने 90 फीसदी से अधिक ऋणदाताओं के साथ सैद्धांतिक रूप से यथास्थिति पर सहमति बन गई है। यह जानकारी रविवार को कंपनी की ओर से दी गई। रिलायंस समूह ने एक बयान में कहा कि सहमति के अनुसार, उसके 90 फीसदी ऋणदाता शेयर की कीमतों में हाल में आई अभूतपूर्व गिरावट के चलते कम कोलेटरल कवर या मार्जिन में कमी की वजह से 30 सितंबर, 2019 तक प्रमोटर के पास गिरवी कोई शेयर नहीं बेचेंगे। बयान के अनुसार, अनिल अंबानी समूह कर्ज के करार में निर्धारित तिथियों के अनुसार कर्जदारों को मूलधन और ब्याज का भुगतान करेगा। रिलायंस समूह के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारी कंपनी के आंतरिक और मौलिक मूल्यों में विश्वास करने और यथास्थिति व्यवस्था को सैद्धांतिक रूप से अपनी मंजूरी प्रदान करने के लिए हम अपने कर्जदारों के आभारी हैं।’बयान में कहा गया है कि रिलायंस समूह ने कर्जदारों को सूचित किया है कि इसने संस्थानिक निवेशकों को लक्ष्य करने के लिए रिलायंस पॉवर लिमिटेड में अपनी 30 फीसदी हिस्सेदारी के एक हिस्से को रखने के लिए निवेश बैंकरों की नियुक्ति की है। बयान के अनुसार, अगले सप्ताह निवेश बैंकरों द्वारा रोडशो शुरू किए जाएंगे। शेयर की कीमतों में अभूतपूर्व गिरावट आने से पहले रिलायंस पॉवर में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 2,500 करोड़ रुपये से अधिक थी और प्रमोटरों की कुल उधारी के 65 फीसदी से अधिक का समाधान किया जाएगा।
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