संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अंतरराष्ट्रीय कानून समेत कई आधारों का हवाला देते हुए कहा है कि यरुशमल को इजरायल और फिलिस्तीन की संयुक्त राजधानी होना चाहिए। श्री गुटेरेस ने वर्ष 1975 में गठित फिलिस्तीन के मौलिक अधिकारों की समिति को संबोधित करते हुए शुक्रवार को यह बात कही। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों, पूर्व समझौतों, अंतरराष्ट्रीय कानून और लंबे समय के सिद्धांतों के आधार पर यरुशलम को दोनों देशों की राजधानी माना जाना चाहिए।” उन्होंने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का शांतिपूर्ण और न्यायोचित समाधान पेश करते हुए कहा, “दोनों देशों के बीच संघर्ष का एकमात्र समाधान शांति और सद्भावना से ही संभव है।” संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले कई सालों से दोनों देशों के बीच संघर्ष की स्थिति सुधरी नहीं है और गाजा में इजरायली सुरक्षाबलों के हमलों में पिछले साल सैकड़ों लोगों की मौत हुयी और कई हजार लोग घायल हो गये।” उन्होंने हमास और अन्य आतंकवादी संगठनों के हमलों तथा सुरक्षबलों की कार्रवाई का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत इजरायल का दायित्व है कि वह जितना संभव हो सके संयम बरते। श्री गुटेरेस ने कहा,“ संयुक्त राष्ट्र, फिलिस्तीन समस्या के समाधन और गाजा में फिलिस्तीन की वैध सरकार बहाल किये जाने के पक्ष में है।” गाजा में मानवीय संकट के दौर को तुरंत खत्म किये की बात दोराते हुए उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन में 20 लाख से अधिक लोग शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं और वे निहायत ही गरीबी और बेरोजगारी की स्थिति में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं इजरायल से आग्रह करता हूं कि वह वैध सुरक्षा उपायों को सुरक्षित रखते हुए गाजा में लोगों और वहां भेजे जाने वाली सामग्रियों से प्रतिबंध हटाये। इससे संयुक्त राष्ट्र की मानवतावादी एजेंसियों को मदद पहुंचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।”
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