रांची। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव सह झारखंड प्रभारी अतुल कुमार अनजान के निधन पर तीन दिनों के लिए पार्टी का झंडा झुका दिया गया है। राज्य सचिव महेन्द्र पाठक ने कहा कि अनजान भाकपा के बौद्धिक संपदा थे। वह प्रखर वक्ता और कई भाषाओं के जानकर हर दिल अजीज थे।
राज्य कार्यकारणी के सदस्य अजय कुमार सिंह ने कहा कि वह निर्भीक और बेबाक टिप्पणी करने वाले नेता थे। संघर्ष की राह उन्हें विरासत में मिली थी। उनके पिता डॉक्टर एपी सिंह विख्यात स्वतंत्रता सेनानी थे। हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के कई आंदोलनों में बढ़-चढ़ कर भाग लिया और कई वर्षो तक जेल में रहे। 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज के प्रेसिडेंट और 60 के दशक भाकपा के मेंबर बने। एआईएसएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में राष्ट्रीय सचिव और अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव थे। कई आंदोलनों में सक्रिय भूमिका खासकर उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध पुलिस पीएसी रिवॉल्ट एक्ट में लगमग पांच वर्ष तक जेल में रहे।
उल्लेखनीय है कि अनजान का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। 60 साल के अनजान कैंसर से पीड़ित थे और पिछले एक महीने से लखनऊ के गोमतीनगर स्थित मेयो अस्पताल में मौत से जंग लड़ रहे थे।
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