रांची। प्रयास सह प्रोजेक्ट इंपैक्ट-एनईपी की जमीनी समीक्षा के लिए राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन के निर्देशानुसार 24 राज्यस्तरीय पदाधिकारियों की टीम विभिन्न जिलों में अवस्थित 80 जिला स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालयों, 325 प्रखंड स्थित आदर्श विद्यालय, सभी कोटि के आवासीय विद्यालयों के औचक निरीक्षण के लिए गुरुवार को रवाना हुई।
राज्यस्तरीय टीम सभी जिलों के स्कूलों का औचक निरीक्षण करेगी। साथ ही स्कूलों में प्रयास सह प्रोजेक्ट इंपैक्ट-एनईपी की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों के खिलाफ मई महीने में कार्रवाई की जायेगी। राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने अनुश्रवण दल में शामिल पदाधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए उन्हें निरीक्षण के दौरान विनम्र और सौम्य व्यवहार रखने की सलाह दी है। रंजन ने पदाधिकारियों को अपने समय का सर्वोत्तम उपयोग करने की सलाह भी दी है, जिससे वे जिले में अधिक से अधिक विद्यालयों का भ्रमण कर सकें।
अनुश्रवण दल के पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अनुश्रवण के पहले दिन जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर निरीक्षण की आगे की कार्रवाई तय करें। किस स्कूल में जाना है, कितना समय देना है अथवा किन बिन्दुओं पर केंद्रित सवाल करना है, ये सब पूर्व से तय हो। पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि निरीक्षण के तीसरे दिन सभी पदाधिकारी जिले के शिक्षा पदाधिकारियों के साथ भ्रमण किये गए स्कूलों की सीलबंद रिपोर्ट जिले को उपायुक्त एवं उप विकास आयुक्त को सौंपेंगे। यह रिपोर्ट राज्य शिक्षा परियोजना द्वारा संबद्ध ऑपरेटर की सहायता से तैयार की जाएगी।
सरकारी विद्यालयों के वातावरण में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से राज्य में प्रयास सह प्रोजेक्ट इंपैक्ट-एनईपी कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के सफल संचालन एवं क्रियान्वयन के लिए निरंतर इसका अनुश्रवण भी किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के सतत एवं नियमित अनुश्रवण के लिए प्रयास सह प्रोजेक्ट इंपैक्ट-एनईपी कोषांग का गठन किया गया है। इस कोषांग में बादल राज, अभिजीत कुमार, सुरेश महतो, गौतम साहू, डॉ. अभिनव कुमार, डॉ. नीलम रानी, बिहार गौरव, प्रीती मिश्रा, कामेश्वर सिंह, दीपक कुमार शामिल हैं।
राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने पदाधिकारियों को भ्रमण के दौरान सकारात्मक स्वभाव रखते हुए ‘मेरा स्कूल, मेरा गर्व’ के भाव के साथ शिक्षकों, प्राध्यापकों एवं बच्चों से मिलने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि स्कूल में कार्यरत सभी शिक्षकों, प्राध्यापकों एवं बच्चों के भीतर इस भाव को विकसित करना आवश्यक है।
प्रोजेक्ट इंपैक्ट की शुरुआत राज्य में कोडरमा जिले से हुई थी। राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन की पहल पर ही कोडरमा जिले में स्कूलों के लिए स्वतः मूल्यांकन अभियान ‘प्रोजेक्ट इंपैक्ट’ की शुरुआत की गयी थी। इस अभियान के तहत सरकारी स्कूलों को कई मानकों के आधार पर स्वतः मूल्यांकन करते हुए अंक देने होते हैं। सर्वाधिक अंक वाले स्कूल बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों में शामिल होते हैं, और न्यूनतम अंक लाने वाले विद्यालय खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों में शामिल होते हैं। इस प्रोजेक्ट की लगातार समीक्षा भी की जाती है, जिससे मूल्यांकन में पारदर्शिता और ईमानदारी तय की जा सके। कोडरमा जिले में इस प्रोजेक्ट के व्यापक और सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए राज्य शिक्षा परियोजना द्वारा इस प्रोजेक्ट को पूरे राज्य में लागू किया गया है।
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