प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों को औवकाफ संपत्तियों से वंचित करने की एक गहरी साजिश: काजी वसी अहमद कासमी

विधेयक से औवकाफ को अपूरणीय क्षति का ख़तरा निश्चित है: मुफ्ती अनवर कासमी
औवकाफ की सुरक्षा दीनी जिम्मेदारी: काजी सऊद आलम कासमी

रांची: केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक मुसलमानों को औकाफ संपत्तियों से वंचित करने की एक गहरी और लंबी साजिश है, जिसे किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता, औवकाफ की संपत्तियों का मालिक अल्लाह होता है इस लिए उस की हिफाजत करना मुसलमानों का फरीजा और एक अहम जिम्मेदारी है। उक्त बातें मरकजी दारूल कज़ा इमारत शरिया फुलवारी शरीफ पटना के नाएब काजी शरीयत मुफ्ती व का़जी वसी अहमद कासमी ने झारखंड राज्य के रांची, लोहरदगा और जमशेदपुर टाटा में होने वाली मुख्य अधिकारीक बैठक और दिनांक 20 अगस्त 2024 दिन मंगलवार को रांची इमारत शरिया कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वक्फ की आय को वक्फ करने वाले के इरादे को नजर अंदाज किए बिना सामान्य कल्याण के लिए खर्च किया जाएगा, जिससे वक्फ की स्थिति समाप्त हो जाएगी। सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड की व्यवस्था चली आ रही है। लेकिन वर्तमान संशोधन विधेयक से जो अल्पसंख्यक अधिनियम 1995 और 2013 के बीच भेदभाव करने का प्रयास है, इसी प्रकार वक्फ ट्रिब्यूनल की शक्तियों को रद्द किया जा रहा है और जिला मजिस्ट्रेट को वक्फ भूमि का निर्धारण करने का अधिकार दिया जा रहा है। जिससे मामले में और अधिक जटिलता पैदा हो जाएगी। वक्फ बोर्ड के सीईओ के लिए मुस्लिम होने की शर्त हटा दी जाएगी। वक्फ कर्ता को पांच साल तक इस्लाम का पालन करना होगा और गैर-मुस्लिम के वक्फ को अमान्य घोषित कर दिया जाएगा। यह इसमें दिए गए अधिकारों के विपरीत है और यह औकाफ की स्थिति को पूरी तरह से रद्द कर देगा। इस संबंध में, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रस्ताव के अनुसार, इमारत शरिया बिहार, ओडिशा और झारखंड द्वारा आयोजित प्रोटेक्शन ऑफ अवकाफ शीर्षक के तहत एक महत्वपूर्ण सम्मेलन 15 सितंबर 2024 को गांधी मैदान के पास बापू सभागार पटना में आयोजित किया जाएगा। दारुल-कजा इमारत शरिया कर्बला टैंक रोड रांची के काजी शरीयत मुफ्ती मुहम्मद अनवर कासमी ने उपरोक्त स्थानों की बैठकों में कहा कि प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक से औवकाफ की संपत्तियों, मस्जिदों, मदरसों, मकबरों, ईदगाहों आदि की स्थिति और चरित्र पर अपूरणीय प्रभाव पड़ेगा। प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक से न केवल नुकसान की आशंका है, बल्कि खतरा निश्चित है और इस विधेयक के पारित होने से निकट भविष्य में मुसलमानों को गंभीर कष्टों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा, जबकि विधेयक को वापस लेने से खतरों को दूर किया जा सकेगा देश की एक महत्वपूर्ण इकाई में पैदा हुई आशंकाओं पर उन्होंने कहा कि प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि यह बहुत स्पष्ट है कि सरकार का इरादा औवकाफ की संपत्तियों को कमज़ोर करना और मुसलमानों को इसके लाभों से वंचित करना है, यह विधेयक धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप का मार्ग भी प्रशस्त करता है जो भारत के संविधान के मौलिक प्रावधानों के भी विरुद्ध है।

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