चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारतीय नौसेना ने एक बार फिर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है. भारतीय नौसेना ने बुधवार को बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यानी ये मिसाइल न सिर्फ जमीन और हवा में बल्कि समुद्र में भी दुश्मनों की नींद उड़ा सकती है.
गौरतलब है कि ब्रह्मोस भारत की सबसे खतरनाक मिसाइल है। यह मिसाइल 200 किलोग्राम वजनी परमाणु बम ले जाने में सक्षम है। इसकी सीमा में चीन और पाकिस्तान का पूरा इलाका आ गया है. गर्व की बात यह है कि ब्रह्मोस के सतह से सतह पर मार करने वाले संस्करण की लक्ष्य क्षमता अब बढ़कर 450 किमी हो गई है।
बता दें कि ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। ब्रह्मपुत्र और मोस्कवा नदियों के नाम को मिलाकर इसका नाम ‘ब्रह्मोस’ रखा गया है। यह मिसाइल भारतीय नौसेना के कई विध्वंसक जहाजों पर तैनात है। कहा जाता है कि नीलगिरि, शिवालिक और तलवार श्रेणी के युद्धपोत भी ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस हैं।
जहां तक भारतीय वायुसेना की बात है तो ब्रह्मोस को सुखोई-30 एमकेआई विमान की मदद से लॉन्च किया जा सकता है। फिलहाल ब्रह्मोस-2 पर काम चल रहा है। ब्रह्मोस को शुरुआत में जमीन से हवा में मार करने के लिए डिजाइन किया गया था। सेना की तीन रेजीमेंटों में ब्रह्मोस शामिल है। इस मिसाइल को लद्दाख में LAC पर भी तैनात किया गया है.
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