पूर्णिया (बिहार)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि राममंदिर का निर्माण बिल्कुल उसी स्थान पर किया जाएगा जहां भगवान का जन्म होना माना जाता है और इस संबंध में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। आदित्यनाथ ने यहां बूथ स्तरीय भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अपनी सरकार द्वारा शहरों के नाम बदलने के विवादास्पद कदम के बारे में कहा कि भगवान राम के जन्मस्थान आने वाले तीर्थयात्री अब अयोध्या आते हैं, फैजाबाद जिले नहीं आते और जो चल रहे कुंभ में आते हैं वे प्रयागराज आते हैं, इलाहाबाद नहीं। आदित्यनाथ भाजपा कार्यकर्ताओं की शक्ति केंद्र प्रभारियों की बैठक में बोल रहे थे जो पूर्णिया, अररिया, कटिहार और किशनगंज लोकसभा क्षेत्रों से आये थे। ये सभी सीमांचल क्षेत्र में पड़ते हैं जहां मुस्लिमों की अच्छी संख्या है। उन्होंने कहा, आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में काफी कुछ होने वाला है। चिंता नहीं करिये, हमने स्पष्ट कर दिया है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का मंदिर बिल्कुल उसी स्थान पर बनेगा। इसमें कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार सीता माता का जन्मस्थान है। उन्होंने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव नीत पार्टी ने बिहारी कहलाना शर्म की बात बना दिया था। उन्होंने राज्य के बारे में धारणा धीरे धीरे बदलने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की प्रशंसा की। आदित्यनाथ ने कहा कि इसी तरह की धारणा में परिवर्तन राष्ट्रीय स्तर पर नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाया गया है और वाराणसी में हाल में आयोजित प्रवासी सम्मेलन में एक आगंतुक ने मुझे बताया कि उन्हें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उन्हें एक नई पहचान दिखी है। उन्होंने कहा, हम उनके (विपक्ष) जैसे नहीं हैं जो देश को तोडने की बात करने वालों के पक्ष में बोलते हैं। हम शहीद होने वाले अपने प्रत्येक जवान के लिए सीमापार 100 सैनिकों को मारने में यकीन करते हैं। उन्होंने बिहार के लोगों से कहा कि वे कुंभ में जाएं और उत्तर प्रदेश में हुए परिवर्तन की प्रशंसा करें। उन्होंने कहा कि वहां लोग पवित्र अक्षयवट का दर्शन भी कर सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अक्षयवट को मुगल बादशाह अकबर और उसके उत्तराधिकारियों ने नष्ट करने का प्रयास किया। योगी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर जीत सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करने को प्रोत्साहित किया।
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