रांची। रांची के जलस्रोतों के अतिक्रमण एवं रांची शहर के बड़ा तालाब की साफ-सफाई को लेकर कोर्ट के स्वतः संज्ञान पर सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में न्यायाधीश रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रांची नगर निगम से मौखिक पूछा कि गर्मी में रांची में लोगों को पेयजल की समस्या न हो, इसके लिए क्या प्लान है? कोर्ट ने कहा कि अवैध डीप बोरिंग पर नियंत्रण किया जाये, ऐसा करते पकड़े जाने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाए। अवैध डीप बोरिंग करने वाले वाहन को भी जब्त करें।
कोर्ट ने पूछा कि गर्मी में बोरवेल सूख जा रहे हैं, इसे दुरुस्त रखने के लिए रांची नगर निगम की क्या प्लानिंग है, अपार्टमेंट एवं भवनों पर वाटर हार्वेस्टिंग पर अबतक क्या कदम उठाए गये? अवैध बोरिंग रोकने के लिए रांची नगर निगम की क्या योजना है? मामले की सुनवाई अगले सोमवार को निर्धारित करते हुए इन बिंदुओं पर रांची नगर निगम से स्पष्ट जवाब मांगा है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से मौखिक पूछा कि राजधानी के जल स्रोतों जैसे कांके डैम, हटिया डैम एवं गेतलसूद डैम के कैचमेंट इलाके में जो अतिक्रमण है उसे हटाने के लिए क्या किया गया? इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि कैचमेंट एरिया से अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार की ओर से फंड दिया गया है। सैटेलाइट मैपिंग के माध्यम से कैचमेंट एरिया के आसपास अतिक्रमण की जानकारी ली जायेगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने में तीन से चार माह का समय लग जायेगा तब तक गर्मी खत्म हो जायेगी। कोर्ट ने कि कहा कि गर्मी में पानी की समस्या पर कोर्ट लगातार मॉनिटरिंग करेगा।
रांची के जल स्रोतों यथा कांके डैम, हटिया डैम एवं रुक्का डैम की जमीन का अतिक्रमण किये जाने के मामले में भी कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें कई सुनवाइयों में कोर्ट ने राज्य सरकार को कई दिशा निर्देश दिये थे।
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