वॉशिंगटन। अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को धमकी दी है कि उनके राजनयिकों और प्रतिपक्ष के नेता और अंतरिम राष्ट्रपति जुआन गुइडो को किसी तरह की कोई क्षति पहुंचाने की कोशिश की गई तो अमेरिका कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के लिए विवश हो जाएगा। बोल्टन ने कहा है कि वेनेजुएला की ओर से उनके राजनयिकों को धमकाने वाली कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ माना जाएगा। अमेरिका ने शनिवार को सुरक्षा परिषद की बैठक और अमेरिका सहित गुइडो को बीस देशों की ओर से मान्यता दिए जाने के बाद धमकी दी है। इस धमकी के बाद वेनेजुएला में राजनीतिक संकट को लेकर माहौल तनावपूर्ण बन गया है। उधर अमेरिका स्थित वेनेजुएला के मिलिट्री एटेची कर्नल लूइस सिलवा ने मदुरो सरकार का साथ छोड़ने का एलान किया है। इस बीच गुइडो ने अपने समर्थकों से अपील की है कि वे बुधवार और शनिवार को जन-आंदोलन से मदुरो सरकार को उखाड़ फेंके। सुरक्षा परिषद की बैठक में वेनेजुएला के विदेश मंत्री ने देश में फिर से अगले आठ दिनों में चुनाव कराए जाने सहित सुरक्षा परिषद के सभी सुझावों को अमान्य घोषित कर दिया था। राष्ट्रपति मदुरो ने रविवार को ट्वीट किया है कि यूरोपीय देश आठ दिनों में चुनाव कराए जाने का अल्टीमेटम वापस ले। उन्होंने कहा कि वेनेजुएला उनके साथ बंधा हुआ नहीं है। इसलिए उनके साथ कोई जोर-जबरदस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रूस ने वेनेजुएला का साथ देने की घोषणा की है। वेनेजुएला ने अमेरिकी राजनयिकों के 72 घंटों में देश छोड़कर जाने के आदेश को वापस ले लिया है और इसकी अवधि बढ़ा कर तीस दिन कर दी गई है। इसके जवाब में अमेरिका ने कहा था कि वह निकोलस मदुरो सरकार को मान्यता ही नहीं देती। इस बीच, आस्ट्रेलिया ने वेनेजुएला में जुआन गुइडो सरकार को मान्यता देने की घोषणा की हैद्य
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