विधायक इंद्रजीत महतो के इलाज के लिए मिलकर सहयोग करें : स्पीकर

रांची। झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को 12:30 बजे सदन शुरू होते ही भाजपा के ढुलू महतो ने सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो के इलाज का मामला उठाया।स्पीकर से आग्रह किया कि उनका हैदराबाद में लंबे समय से चल रहा है। उनका इलाज रुकना नहीं चाहिए। इस पर स्पीकर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष से भी इस पर बात हुई है। उनका ध्यान सदन को है। नीलकंठ सिंह ने इंद्रजीत के मामले में सभी विधानसभा सदस्यों को सहयोग करना चाहिए। इस पर स्पीकर ने इसे अच्छा सुझाव बताते कहा कि जिनसे जो बन पड़े, वे मिलकर सहयोग करें।
इस बीच प्रदीप यादव ने फिर से बाबूलाल का मसला उठाते कहा कि उन पर अवमानना का मामला चले। इस पर स्पीकर ने कहा कि वे इस मामले को देख रहे हैं। मंत्री आलमगीर आलम ने भी सदन से बाहर बाबूलाल द्वारा सदन पर टिप्पणी को लेकर निराशा जताई। सरफराज अहमद ने भी कहा कि बाबूलाल मरांडी काफी वरिष्ठ नेता हैं, फिर भी वे ऐसा कर रहे हैं। इस पर स्पीकर ने कहा कि सब नियमानुकूल होगा।
इसी क्रम में भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को साल सालों से सदन में बोलने का मौका नहीं दिया गया। बुधवार 20 दिसम्बर को भी सदन में बोलने को उन्होंने तीन बार हाथ उठाया पर मौका नहीं मिला। सीपी सिंह ने स्पीकर से कहा कि आखिर उनके मन में बाबूलाल को लेकर क्या भावना है, वे नहीं जानते। जब सदन में बोलने का मौका बाबूलाल को नहीं मिला तो मीडिया ने उनसे इस संबंध में पूछा। इस क्रम में उन्होंने अपनी पीड़ा जताई। आखिर कहीं तो वे अपनी बात रखेंगे।
इस दौरान भाजपा विधायक स्पीकर के सामने आकर हंगामा करते रहे। स्पीकर ने उनसे आसन पर जाने का आग्रह किया। अंततः निराश होते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे ठीक पहले विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन के पटल पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने एजी की रिपोर्ट रखी।
विनोद सिंह ने राज्य में उच्च शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी कम होने का मामला उठाया
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन भोजनावकाश के बाद दोपहर दो बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो इस दौरान सदन में गैर सरकारी संकल्प लाए गए। विधायक विनोद सिंह ने राज्य में उच्च शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी कम होने पर चिंता जताई। सरकार से इसके लिए लड़कियों को हर माह 2000 रुपये परिवहन भत्ते के तौर पर देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार हर जिला मुख्यालय, विधानसभा क्षेत्र में भी अगर डिग्री कालेज खोल देगी तब भी लड़कियों के लिए समस्या बनी रहेगी। ऐसे में परिवहन भत्ता सरकार दे। यदि ग्राम गाड़ी योजना का ठीक से लाभ ना मिला तो सरकार इस बजट में या अगले वित्तीय वर्ष में प्रावधान करे।

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