कानपुर। नई दिल्ली से वाराणसी के लिए रवाना हुई भारत की पहली इंजनरहित ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन 18) शुक्रवार को साढ़े तीन बजे कानपुर पहुंची। इस ट्रेन में खुद रेल मंत्री सवार थे और कानपुर पहुंचते ही रेल मंत्री और ट्रेन का शहरवासियों ने स्वागत किया और खुशी का इजहार भी किया। करीब आधा घंटा रूकने के बाद ट्रेन वाराणसी के लिए रवाना हो गयी। चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार की गयी देश की पहली इंजन रहित ट्रेन 18 का दो बार दिल्ली से वाराणसी तक सफल परीक्षण किया जा चुका है। इसके बाद हाल ही में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्रेन 18 को वंदे मातरम एक्सप्रेस नाम दिया था। इस ट्रेन को खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल कानपुर सांसद डा. मुरली मनोहर जोशी के साथ लेकर आये। कानपुर सेंट्रल स्टेशन में सेमी हाई स्पीड ट्रेन साढ़े तीन बजे प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। ट्रेन के आते यात्री और स्टेशन में स्वागत के लिए पहुंचे शहरवासी खुश हो गये। शहरवासियों ने ट्रेन के साथ सेल्फी भी ली। रेल मंत्री ने कहा इस ट्रेन के चलने यात्रियों को बहुत दिल्ली आने जाने में बहुत सुविधा मिलेगी। सांसद डा. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि अब शहरवासी कम समय में राजधानी दिल्ली का सफर कर सकेंगे और अन्य ट्रेनों से बेहतर सुविधाएं इसमें मिलेगी। डीआरएम अमिताभ कुमार ने बताया कि अत्याधनिक सुविधाओं वाली इस 16 कोच की ट्रेन में 2 एग्जीक्यूटिव श्रेणी और 14 चेयरकार श्रेणी के कोच हैं। वाई-फाई सहित अन्य तकनीकी सुविधाएं भी इस ट्रेन में यात्रा करने वालों के लिए उपलब्ध रहेंगी। विकलांग यात्रियों के लिए व्हील चेयर खड़ी करने का भी अलग स्थान इस ट्रेन में है। प्रत्येक कोच की पेन्ट्री भी अलग है। वन्दे भारत एक्सप्रेस 17 फरवरी से नियमित तौर पर रफ्तार भरना शुरू कर देगी। सप्ताह में पांच दिन रविवार, मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार व शनिवार को रफ्तार भरेगी जबकि सोमवार व गुरुवार को नहीं चलेगी।
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