मारवाडी महाविद्यालय प्रांगण में कॉलेज के संस्थापक स्व गंगा प्रसाद बुधिया जी की 120वी जयंती मनाई गई।

Ranchi: एलुमनाई एसोसिएशन ने स्व गंगा प्रसाद बुधिया की 120वी जयंती के अवसर पर बुधिया परिवार को किया सम्मानित* सर्वप्रथम उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए मारवाडी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार जी ने कहा की आज के समय में गंगा बाबू के जीवन से शिक्षा लेकर काम करने की प्रेरणा लेने के लिए ही हमलोग उनकी जयंती मना रहे है, सदा जीवन उच्च विचार की भावना से उन्होंने इस कॉलेज का निर्माण कराया, जिससे 18 हजार छात्र छात्रा पड़ रहे है, इस कॉलेज में झारखंड के सब से अधिक नामांकन के आवेदन आते है , यहां से पढ़े लोग पूरे विश्व में कॉलेज का नाम रोशन कर रहे हैं ।
एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव अग्रवाल ने अपने संदेश के माध्यम से कहा कि हमलोगों का सौभग्य है कि हमलोग सृजन शील समाज सेवी गंगा प्रसाद बुधिया द्वारा स्थापित महाविद्यालय में पढ़ने का अवसर मिला।
,मारवाडी शिक्षा ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार बंका ,कन्या पाठ शाला के सचिव वेद प्रकाश बागला ने अपने उद्गार व्यक्त किए एवम विश्वनाथ नरसरिया ने संचालन किया।
इस कार्यक्रम में कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज डॉक्टर आर आर शर्मा, डॉ रोनाल्ड खालको, डॉ उमेश कुमार, डॉ राजीव रजक, डॉ एम सारंगी, श्री अनुभव चक्रवर्ती महोदय सहित कई लोगो ने गंगा बाबू के सत कार्यों की चर्चा की एवम उन्हें जीवन में अपनाने का संकल्प लिया, एलुमनाई एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दीपक गुप्ता एवम शुभम मंत्री ने कॉलेज के प्राचार्य, बुधिया परिवार की वरिष्ठ महिला शारदा बुधिया एवम अरुण बुधिया को अंगवस्त्र देकर कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष बसंत मित्तल, पवन मंत्री, कृपाल सिंह, हरबिंदर सलूजा,सुरेश जैन, मनोज चौधरी,पवन शर्मा, सतपाल सलूजा उर्फ गुड्डी, शिव शंकर साबू, नरेंद्र लखोटिया, विष्णु कांत खेमका, सुरेश चंद अग्रवाल, ओ पी लाल, महावीर महेश्वरी,सुनीता जैन, रजनी बुधिया, राजेंद्र अग्रवाल सहित भरी संख्या में समाज के लोग एवम छात्र छात्रा उपस्थित थे सब ने अपने अपने उद्गार व्यक्त कर सृजन शील गंगा प्रसाद बुधिया जी के वृहद सामाजिक जीवन पर प्रकाश डाला,मनोज रूईया ने कार्यक्रम की व्यवस्था बनाने में भरपूर मेहनत की।
इस अवसर पर एनएसएस के स्वयंसेवक भी भारी संख्या में मौजूद थे, वे भी अपने से ज्यादा समाज के लिए सोच कर काम करने वाले गंगा बाबू के जीवन से प्रेरणा मिली , उन्होंने उनके आदर्श को जीवन में अपने एवम प्रचारित करने कि शपथ ली।

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