महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को गति देने और मंथन करने को रांची में जुटे देशभर के एक्सपर्ट

रांची। शहरी आजीविका पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला गुरुवार से रांची में होटल बीएनआर में शुरू हुआ। इस कार्यशाला में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और शहरों में रहने वाले गरीबों के जीवन स्तर में सुधार और गति लाने के तरीकों को गति देने की योजनाओं पर एक्सपर्ट सुझाव दे रहे हैं।
कार्यशाला की शुरूआत में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की निदेशक शालिनी पांडेय ने शहरी आजीविका क्षेत्र में दीनदयाल शहरी आजीविका मिशन के योगदान के बारे में बताया। आने वाले समय में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के संबंध में भी बताया। यूएनडीपी की प्रतिनिधि इसाबेले टिशान ने शहरी क्षेत्र में रहने वाली कमजोर तबके (आर्थिक तौर पर) की महिलाओं की स्थिति और उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अलावा उन्हें सशक्त किए जाने के प्रयासों और उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़े जाने पर गहन चर्चा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यशाला में रांची नगर निगम के स्तर से संचालित डे-एनयूएलएम से जुड़े तीन एसएचजी समूह की महिलाओं ने आर्थिक स्वावलंबन और सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों से जुड़े अनुभव को साझा किया। जयपुर, राजस्थान में पिंक सिटी में महिलाओं के द्वारा संचालित ई-रिक्शा सेवा और इससे महिलाओं के सशक्तिकरण के अनुभव को भी बताया गया। चर्चा के दौरान गरीबी के बहुआयामी कारणों तथा निदान पर चर्चा की गयी। इस दौरान देशभर के अलग-अलग राज्यों से आए एक्सपर्ट्स ने शहरी गरीबी के कारणों को समझने और उसने निदान के लिए बेहतर योजना बनाए जाने पर विचार शेयर किए।
कार्यशाला का आयोजन आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय (केंद्र सरकार) के दीनदयाल राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन पीएम स्वनिधि, यूएनडीपी तथा नगरीय प्रशासन निदेशालय, नगर विकास विभाग (झारखंड सरकार) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया है। इसमें झारखंड के सभी नगर निकायों के अलावा देशभर के करीब-करीब सभी राज्यों से प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।

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