महिला क्रिकेट में नए कीर्तिमान गढ़तीं मिताली राज

योगेश कुमार गोयल

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा जारी महिला वनडे बल्लेबाजी रैंकिंग में भारतीय कप्तान मिताली दोराई राज एक स्थान के नुकसान के साथ पांचवें स्थान पर पहुंच गई हैं। इस रैंकिंग में उनसे ऊपर न्यूजीलैंड की एमी सैटरवेट, ऑस्ट्रेलिया की मेग लैनिंग्स तथा एलिस पैरी और भारत की स्मृति मंधाना हैं। इसके बावजूद मिताली महिला क्रिकेट में नित नए कीर्तिमान रच रही हैं। 25 जून 1999 को इंग्लैंड के खिलाफ वनडे क्रिकेट में पदार्पण करने वाली मिताली ऐसा ही एक और कीर्तिमान स्थापित करते हुए गत एक फरवरी को 200 वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेलने वाली पहली महिला क्रिकेटर बन गई हैं। पिछले दिनों महिला टीम के तत्कालीन कोच रमेश पोवार के साथ चले विवादों के चलते सुर्खियों में रही मिताली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए एक मैच में 50 ओवरों के प्रारूप में अंतरराष्ट्रीय मैचों का दोहरा शतक जमाने वाली पहली महिला बनने का कीर्तिमान भी स्थापित किया। महिला क्रिकेट में पैदा हुए गंभीर विवादों पर भी विराम लगाते हुए महिला टीम एक बार फिर जिस प्रकार बुलंदियों को छूने लगी है, वह भारतीय महिला क्रिकेट के लिए शुभ संकेत है। दरअसल जिस प्रकार एकाएक महिला क्रिकेट का विवाद गहरा गया था और टीम दो गुटों में बंटी नजर आने लगी थी, उससे महिला क्रिकेट के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया था किन्तु न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए मैचों में सभी खिलाडि़यों ने जिस एकजुटता और सामंजस्य का परिचय देते हुए यह सीरिज अपने नाम की, उसके लिए मिताली, हरमनप्रीत और स्मृति मंधाना सहित टीम की तमाम खिलाड़ी बधाई की पात्र हैं। मिताली ने महिला टीम को नया कोच मिल जाने पर कहा भी था कि वह पिछले दिनों उपजे तमाम विवादों को पीछे छोड़कर फिर नई शुरुआत करने जा रही हैं। मिताली का कहना है कि जब उन्होंने अपना करियर शुरू किया था तो कभी सोचा तक नहीं था कि वो इतनी दूर तक पहुंच पाएंगी। हालांकि भारतीय टीम के न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे और आखिरी वनडे में पूरी टीम 149 रन पर ही ढेर हो गई और अपने इस 200वें वनडे मैच में मिताली भी 28 गेंदों में सिर्फ 9 रन ही बना सकी लेकिन यह मैच खेलकर उन्होंने सर्वाधिक वनडे मैच खेलने का रिकॉर्ड बना डाला। वैसे मिताली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे वनडे में नाबाद 63 रनों की शानदार पारी खेली थी। मिताली का 200 वनडे खेलने का रिकॉर्ड कितना अहम है, इसका अनुमान इसी से लगा सकते हैं कि भारतीय टीम अब तक कुल 263 वनडे मैच खेली थी, जिनमें से 200 में मिताली टीम का हिस्सा रही हैं और इनमें से 123 मैचों में वनडे में सबसे ज्यादा बार टीम की कप्तानी करने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है। मिताली के बाद सर्वाधिक वनडे खेलने वाली खिलाडि़यों में 191 मैचों के साथ इंग्लैंड की चार्लोट एडवर्ड्स दूसरे, 174 मैचों के साथ भारत की झूलन गोस्वामी तीसरे, 144 मैचों के साथ आस्ट्रेलिया की ए. ब्लैकवेल चौथे तथा 143 मैचों के साथ इंग्लैंड की जैनी गन पांचवें स्थान पर हैं। मिताली 10 टेस्ट तथा 85 टी-20 मैच भी खेल चुकी हैं। अपने 19 वर्ष 219 दिन के वनडे कैरियर में 36 वर्षीया मिताली ने 7 शतक और 52 अर्द्धशतकों के साथ 51.33 की औसत से सर्वाधिक 6622 रन बनाए हैं। 100 से ज्यादा मैच खेलने वालों में मिताली का औसत सर्वाधिक है जबकि 150 से ज्यादा मैच खेलने वालों में वह दूसरे पायदान पर हैं। महिला क्रिकेटरों में जहां मिताली के नाम सबसे ज्यादा दिनों तक खेलने का रिकॉर्ड है, वहीं पुरुष क्रिकेटरों की तुलना में वह सचिन तेंदुलकर, सनत जयसूर्या और जावेद मियांदाद के बाद सबसे लंबे समय तक खेलने वाली चौथी खिलाड़ी है। उनकी कुछ उपलब्धियां तो ऐसी हैं कि कुछ रिकॉर्डों के मामले में उन्होंने विराट कोहली सहित दूसरे पुरुष खिलाडि़यों को भी पीछे छोड़ दिया है। वह अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों में रन बनाने के मामले में रोहित शर्मा और विराट कोहली को भी पीछे छोड़ चुकी हैं। गत वर्ष जून माह में मिताली ने कुआलालंपुर में टीम इंडिया और श्रीलंका के बीच खेले गए टी-20 महिला एशिया कप में 2000 रन बनाकर भी एक नया इतिहास रचा था क्योंकि उस कीर्तिमान के साथ ही वह इतने रन बनाने वाली पहली भारतीय बल्लेबाज बन गईं थी। यह रिकॉर्ड भारत के लिए ऐतिहासिक इसलिए भी था क्योंकि उस समय तक विराट हों या रोहित शर्मा अथवा सुरेश रैना या धोनी, कोई भी पुरुष क्रिकेटर इस रिकॉर्ड की बराबरी नहीं कर सका था। मिताली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाली और एकदिवसीय मैचों में 6000 रनों से अधिक रन बनाने वाली विश्व की पहली महिला क्रिकेटर भी हैं। इसके अलावा वनडे मैचों में सर्वाधिक हॉफ सेंचुरी और लगातार कई अर्द्धशतक ठोकने का रिकॉर्ड भी मिताली के ही नाम है। वह टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला खिलाड़ी भी हैं। आईसीसी वर्ल्ड रैंकिंग में वह 2010, 2011 तथा 2012 में प्रथम स्थान पर रही हैं। मिताली के शानदार खेल प्रदर्शन के कारण ही उन्हें भारत की ‘लेडी सचिन’ भी कहा जाता है। मूल रूप से तमिल परिवार से संबंध रखने वाली हैदराबाद की मिताली का जन्म 3 दिसम्बर 1982 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था और 10 साल की उम्र में ही उन्होंने क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया तथा 17 साल की उम्र में वह भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन गई थी। 26 जून 1999 को आयरलैंड के साथ हुए मैच से वनडे में मिताली के करियर का शानदार आगाज हुआ था, जब उन्होंने 114 रनों की नाबाद पारी खेली थी । तब से लेकर अभी तक उन्होंने कई कीर्तिमान भारत की झोली में डाले हैं। 14 जनवरी 2002 को इंग्लैंड के साथ खेले गए मैच से मिताली के टेस्ट करियर की शुरुआत हुई थी, जिसमें वह बिना खाता खोले पैवेलियन लौट गई थीं। 2005 में दक्षिण अफ्रीका में हुए विश्व कप में मिताली की कप्तानी में भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम को हार का सामना करना पड़ा था। अगले ही साल 2006 में मिताली की ही कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड को उसी की जमीन पर धूल चटाते हुए एशिया कप अपने नाम किया था। कुल 85 टी-20 मैचों में उन्होंने 37.42 की औसत से 2283 रन बनाए हैं, टी-20 में उनका बेहतरीन स्कोर 97 है। इस दौरान उन्होंने 17 अर्धशतक बनाए। सितम्बर माह में ही मिताली की कप्तानी में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वनडे मैच में सीरीज 2-1 से अपने नाम कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की थी, जिसमें मिताली ने श्रीलंका के खिलाफ 125 रनों की नाबाद पारी खेलते हुए अपने वनडे कैरियर का सबसे बड़ा स्कोर बनाने में सफलता हासिल की। उन्होंने 143 गेंदों पर न केवल 125 रनों की बड़ी पारी खेली बल्कि 14 चौके और एक छक्का भी लगाया था। गत वर्ष विश्व कप में खेले तीन मैचों में 103 रनों के स्ट्राइक रेट तथा 53.5 की औसत से मिताली ने दो अर्धशतक के साथ 127 रन बनाने का भी रिकॉर्ड बनाया था।

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