मस्जिद जाफरिया में मजलिस दुआइया का आयोजन! दीनदारी के बिना दीन अधूरा: मौलाना तहजिबुल हसन

  रांची: इंसान की जिंदगी में कई मोड़ आते हैं, कई दोस्त और सहयोगी भी मिलते हैं। परन्तु जो कोई आप से प्रेम करता है, वह लोभ के कारण करता है। लेकिन माता-पिता जो हैं वह किसी भी लालच के आधार पर अपने बच्चों से प्यार नहीं करते हैं। बल्कि, वे अपने बच्चों से प्यार करते हैं अपनी औलाद समझ कर। वह बच्चा अपने माता-पिता के प्रति क्रूर ही क्यों ना हो?  लेकिन माता-पिता कभी भी अपने बच्चों को कोसते नहीं हैं। उपरोक्त बातें ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड झारखंड के चेयरमैन सह झारखंड राज्य हज कमिटी के पूर्व सदस्य सह अल-ईमान चैरिटेबल ट्रस्ट नजफी हाउस मुंबई के सदस्य एवं मस्जिद जाफरिया रांची के इमाम व खतीब हजरत मौलाना हाजी सैयद तहजिबुल हसन रिजवी ने कही। वह शुक्रवार को मस्जिद जाफरिया में अपनी मां हसनैनी बीबी की बरसी को संबोधित कर रहे थे।  उन्होंने कहा कि जब युवा अपने अंदर धर्म की शीतलता महसूस करें तो अपने माता-पिता के लिए प्रार्थना करें।  कि उन्होंने तुम्हें बड़ा किया और तुम्हें धार्मिक बनाया। दीनदारी के बगैर दीन अधूरा है। मौलाना ने कहा कि अल्लाह सिर्फ सजदा करने वालों को ही अपना दोस्त नहीं बनाता, बल्कि मां-बाप से मोहब्बत करने वालों को भी पसंद करता है। माता-पिता की प्रसन्नता ही प्रभु की प्रसन्नता है। आइए हम सब मिलकर प्रतिज्ञा करें कि हम किसी भी परिस्थिति में अपने माता-पिता के अधिकारों का हनन नहीं करेंगे, उनसे मोहब्बत करेंगे। कलाम पेश करने वालों में अमीर गोपालपुरी, कासिम रांचवी, बाकिर रजा ने खास अंदाज में कलाम पढ़ा। जबकि सोज खानी सैयद अत्ता इमाम रिजवी। इस मौके पर समाज सेवी समी आजाद, सैयद निहाल हुसैन सरियावी, डॉ. मुबारक अब्बास, सैयद जावेद हैदर, इकबाल हुसैन फातमी, हाजी यूनस रजा, हाजी इकबाल हुसैन, सैयद अशरफ हुसैन, यावर हुसैन, हाशिम अली, पत्रकार आदिल रशीद समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित मौजूद थे।

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