मध्यस्थता केंद्र दोनों पक्षकारों के लिए हो रहा है वरदान साबित

कोडरमा। कोडरमा व्यवहार न्यायालय परिसर के जिला न्याय सदन मे अवस्थित मध्यस्थता केन्द्र इन दिनो पक्षकारो के लिए वरदान साबित हो रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार कोडरमा के अध्यक्ष सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के कुशल मार्गदर्शन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार कोडरमा से सचिव मिथिलेश कुमार सिंह की देख रेख मे  जिला विधिक सेवा प्राधिकार कोडरमा  के अन्तगर्त चल रहे मध्यस्थता कार्यकमो से जहॉ एक और न्यायालय से मुकदमो का बोझ कम हो रहा है, वही दूसरी ओर पक्षकारो के समय एवं पैसो की बचत हो रही है। वैकल्पिक बाद निपटारे के सबसे सशक्त माध्यम के रूप मे मध्यस्थता केन्द्र काफी सफलता पूर्वक कार्य कर रहा है।आज मध्यस्थता केन्द्र के माध्यम से कुटुम्ब न्यायालय कोडरमा मे लम्बित पति-पत्नी के बीच भरणपोषण के दो वादो  का सफलता पूर्वक निष्पादन कर पति पत्नी के बीच लम्बे समय से चले आ रहे विवाद का निपटारा किया गया तथा पति पत्नी के बीच किये गये सभी वादो को समाप्त कर एक दूसरे के साथ सफल दाम्पत्य जीवन व्यतीत करने के लिए तैयार हो गए।कुटुम्ब न्यायालय कोडरमा मे लम्बित वाद भरण-पोषण वाद संख्या 122/2018 अन्तर्गत धारा 125 द0प्र0सं0 मे रीता देवी ने नवादा जिले के रजौली निवासी छोटेलाल पासवान के विरूद्ध वाद दायर किया गया था जिसे माननीय न्यायालय द्वारा मध्यस्थता केन्द्र मे समझौता हेतु भेजा गया। मध्यस्थता केन्द्र कोडरमा के प्रशिक्षित मध्यस्थ  भुनेश्वर राणा ने  काफी अथक प्रयास करते हुए दोनो पक्षो को एक दूसरे के साथ सुलह कर सुखद दामपत्य जीवन व्यतीत करने के बिन्दु पर सहमत किया। मध्यस्थता के इस वाद को सुलह करने मे वादी के अधिवक्ता धीरज कुमार जोशी एवं विपक्षी के अधिवक्ता मिथिलेश प्रसाद ने भी काफी सक्रिय सहयोग दिया। और अन्ततः पति पत्नी राजी खुशी से सुलह करते हुए साथ रहने को तैयार हो गए। वही कुटुम्ब न्यायालय कोडरमा मे लम्बित एक दूसरे वाद भरण-पोषण वाद संख्या 141/2018 अन्तगत धारा 125 दप्रसं मे हजारीबाग जिले के चलकुसा थाना अन्तर्गत चौबे निवासी रिंकी देवी ने जयनगर निवासी मुकेश पंडित के विरूद्ध वाद दायर किया गया था जिसे माननीय न्यायालय द्वारा मध्यस्थता केन्द्र मे समझौता हेतु भेजा गया।मध्यस्थता केन्द्र कोडरमा के प्रशिक्षित मध्यस्थ सुरेश कुमार ने  काफी अथक प्रयास करते हुए दोनो पक्षो को एक दूसरे के साथ सुलह कर सुखद दामपत्ये जीवन व्यतीत करने के बिन्दु पर सहमत किया। मध्यस्थता के इस वाद को सुलह करने मे वादी के अधिवक्ता एवं विपक्षी के अधिवक्ता ने भी काफी सक्रिय सहयोग दिया। और अन्ततः पति पत्नी राजी खुशी से सुलह करते हुए साथ रहने को तैयार हो गए। मध्यस्थता केन्द्र कोडरमा वादो के निष्पादन मे काफी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

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