बिहार आईटी नीति 2024 को कैबिनेट की स्वीकृति

पटना।  मुख्यमंत्री नीतीश की अध्यक्षता में मंगलवार  को हुई कैबिनेट बैठक में बिहार आईटी नीति 2024 को मंजूरी दे दी गई है, जिसका उद्देश्य राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना है।  मुख्यमंत्री  की प्रोग्रेसिव विजन के परिणामस्वरूप यह निवेशक-अनुकूल नीति बनाई गई है जिसका उद्देश्य बिहार को नवाचार, प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास के लिए पूर्वी भारत में एक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।  उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने हमेशा युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने पर बल दिया है जो आईटी नीति 2024 के मुख्य मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक है।

बिहार आईटी नीति 2024 सूचना प्रावैधिकी विभाग, बिहार सरकार द्वारा उद्योग विशेषज्ञों और हितधारकों के सहयोग से तैयार की गई है।   आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम सेक्टर में निवेश के लिए बिहार को अपने पहले विकल्प के रूप में चुनने के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए एक व्यापक वित्तीय पैकेज प्रदान करती है। बिहार आईटी/आईटीईएस/ईएसडीएम नीति, 2024 के तहत निवेशकों को मिलने वाले वित्तीय प्रोत्साहन के मुख्य अंश निम्रवत हैं.

 आईटी पॉलिसी 2024 में निवेशकों को पूंजी निवेश सब्सिडी के अंतर्गत 5 करोड रूपये के न्यूनतम फिक्सड कैपिटल इनवेस्टमेंट पर 30 प्रतिशत एकमुश्त कैपेक्स सपोर्ट मिलेगा, जिसकी अधिकतम सीमा 30 करोड़ रूपये होगी अथवा ब्याज अनुदान के तहत बैंक / वित्तीय संस्थान द्वारा स्वीकृत परियोजना पर वार्षिक ब्याज दर में 10% तक की छूट 5 वर्षों तक मिलेगी।  जिसकी अधिकतम सीमा कुल परियोजना लागत का 50 प्रतिशत या 40 करोड़ रुपये, जो भी कम हो, होगी।

आईटी पॉलिसी 2024 में लीज़ रेंटल सब्सिडी के तहत लीज पर लिए गए कार्यालय अथवा व्यवसायिक स्थल से संचालित होने वाली आईटी / आईटीईएस/ईएसडीएम इकाईयों को वार्षिक लीज किराये की राशि का 50 प्रतिशत 5 वर्षों तक भुगतान की जाएगी। आईटी/आईटीईएस/ईएसडीएम इकाईयों को वार्षिक विद्युत विपत्र के 25% राशि की प्रतिपूर्ति 5 वर्षों तक की जाएगी। रोजगार सृजन सब्सिडी के तहत नियोक्ता के द्वारा ईपीएफ एवं ईएसआई में जमा की गयी राशि की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति 5 वर्षों तक की जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 5000 रु० प्रति कर्मचारी प्रति माह होगी। इसके अलावा वैसी मेगा इकाईयां जिसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हो अथवा राज्य में कम से कम 1000 प्रत्यक्ष आईटी रोजगार का सृजन कर रही हो, उनके लिए टेलर मेड पैकेज बनाए जाएंगे।

यह नीति मुख्य आईटी क्षेत्र के अलावा विभिन्न उभरते प्रक्षेत्रों जैसे डेटा सेंटर, एनिमेशन, आईटी प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स, बिग डेटा एवं एनेलिटिक्स, स्मार्ट टेक्नोलॉजिस, ड्रोन मैनूफैक्बरिंग इत्यादि को विशेष प्रोत्साहन देने के लिए बनाई गई है।

यह नीति समावेशी विकास को बढ़ावा देने की परिकल्पना करती है इसलिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिलाएं/दिव्यांगजन/वार विडो एसिड अटैक के शिकार/थर्ड जेन्डर के उद्यमियों को 5% अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का प्रावधान है। साथ ही अन्य क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देने के लिए पटना एवं दानापुर निगम क्षेत्र के बाहर स्थापित इकाईयों के लिए 10% अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है।

बिहार सरकार नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रतिबद्ध है। निवेशकों के आईटी परियोजनाओं की त्वरित मंजूरी की सुविधा के लिए विशेष टीमों का गठन भी किया जाएगा।

 आईटी मंत्री  मोहम्मद इसराइल मंसूरी ने नीति के बारे में उत्साह व्यक्त करते हुए कहा है. बिहार आईटी नीति 2024 आईटी प्रक्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। हमारा मानना है कि बिहार में प्रचुर मात्र में दक्ष मानव संसाधन की उपलब्धता है और साथ में इन प्रोत्साहनों को प्रदान करके, हम शीर्ष-स्तरीय आईटी कंपनियों को आकर्षित कर सकते हैं, जिससे बिहार देश के आईटी परिदृश्य में एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित हो सकता है।

राज्य सरकार आईटी कंपनियों और निवेशकों को नई नीति द्वारा राज्य में नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करती है और बिहार में उनका स्वागत करने के लिए आकांक्षी है।

चयनित कलाकार पटना से  मंगलवार को को पटना कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के  मंत्री

 जीतेन्द्र कुमार राय हरी झंडी दिखाकर लिए । नासिक, महाराष्ट्र के लिए रवाना किया।

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