इस्लामाबाद। पाकिस्तान में धांधली के आरोपों और छिटपुट हिंसा के बीच गुरुवार को हुए आम चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों को बढ़त मिलती दिख रही है। मुल्क में नेशनल असेंबली की 336 सीटों में से 266 पर मतदान कराया जाता है, लेकिन बाजौर के हमले में एक उम्मीदवार की मौत हो जाने के बाद एक सीट पर मतदान स्थगित कर दिया गया था। नेशनल असेंबली की 265 सीटों में से 163 के रुझानों में पीटीआई समर्थित 154 उम्मीदवार आगे चल रहे हैं।
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने मतदान संपन्न होने के 10 घंटे से अधिक समय बाद शुक्रवार देररात चुनावी परिणाम की घोषणा शुरू की। अब तक जिन बड़े नेताओं ने जीत हासिल की है, उनमें पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ, शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहजाद और शरीफ की बेटी मरियम नवाज शामिल हैं। आयोग के अनुसार जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ के नेता गौहर अली खान और असद कैसर ने भी जीत हासिल की। पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी और उनके बेटे बिलावल भी अपनी-अपनी सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। चुनाव में मुख्य मुकाबला इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) और बिलावल जरदारी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में हैं और उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है। 71 वर्षीय खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के उम्मीदवार निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पार्टी के चुनाव चिह्न क्रिकेट का ‘बल्ला’ से वंचित करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को बरकरार रखा था। नई सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को 265 सीट में से 133 सीट जीतनी होंगी।
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