डीएवी हेहल में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रुप में मनाई गयी

Ranchi: डीएवी पब्लिक स्कूल हेहल,राँची में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रुप में मनाया गया।
प्रातःकालीन सभा में विद्यालय की सभी शाखाओं के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने नेताजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने एक लघुनाटिका के माध्यम से नेताजी और महात्मा गाँधी के परस्पर संवाद प्रस्तुत किए,जो स्वतंत्रता संग्राम के प्रति उनके दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से उजागर करता है।कक्षा तीसरी के छात्र वरेण्यं आर्य ने नेताजी के जीवन मूल्य को प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध किया।
विद्यालय के प्राचार्य श्री एस.के. मिश्रा ने अपने संदेश में कहा,”नेताजी सुभाषचंद्र बोस असाधारण व्यक्तित्व और नेतृत्व क्षमता के धनी थे। वे स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेताओं में से एक थे।द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने अंग्रेज़ों के खिलाफ संघर्ष के लिए जापान के सहयोग से ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन किया। उनका दिया हुआ नारा ‘जय हिंद’ आज भारत का राष्ट्रीय नारा बन चुका है।”
नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था। उनकी शिक्षा कटक के रावेनशॉ कॉलेजिएट स्कूल, कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हुई।1920 में उन्होंने इंडियन सिविल सर्विस की परीक्षा उत्तीर्ण की और चौथा स्थान प्राप्त किया, लेकिन देशसेवा के लिए उन्होंने इस प्रतिष्ठित पद को ठुकरा दिया।
कार्यक्रम में शिक्षक श्री कमलाकांत पांडा ने भी नेताजी के जीवन और उनके बलिदानों पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “नेताजी का प्रसिद्ध नारा ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आज हमें भी उनसे प्रेरणा लेकर अपने देश के प्रति निष्ठावान बनने का संकल्प लेना चाहिए।”
इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने नेताजी के जीवन मूल्यों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।

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