झारखंड हाई कोर्ट में न्यूक्लियस मॉल के मामले में फैसला सुरक्षित

रांची। झारखंड हाई कोर्ट में जिमखाना क्लब की जमीन पर बन रहे न्यूक्लियस मॉल को लेकर एकल पीठ के आदेश के खिलाफ यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से कैप्टन सुष्मिता बनर्जी की अपील (एलपीए) की सुनवाई गुरुवार को हुई।
जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई। इसके बाद कोर्ट ने मामला में फैसला सुरक्षित रख लिया। प्रतिवादी चैलिश रियल स्टेट की ओर से अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया, अधिवक्ता इंद्रजीत सिंह एवं अधिवक्ता अर्पण मिश्रा ने पक्ष रखा।
मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता सेना के अधिकारियों की याचिका को पांच अप्रैल, 2023 को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ सेना की ओर से खंडपीठ में अपील दायर की गई थी। खंडपीठ ने बीते नवंबर माह में जिमखाना क्लब की जमीन पर बना रहे न्यूक्लियस मॉल के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी थी।
हाई कोर्ट की एकल पीठ में सुनवाई के दौरान सेना के अधिकारियों की ओर से कहा गया था कि जिमखाना की जमीन पर जो मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बन रहा है वह सेना की जमीन के बगल में है। नियम के अनुसार सुरक्षा के दृष्टिकोण से सेना की जमीन से 50 मीटर की दूरी पर बिल्डिंग का निर्माण कार्य होना चाहिए था। प्रतिवादियों की ओर से कहा गया था कि सेना की ओर से जिस गाइडलाइन का हवाला दिया जा रहा है वह वर्ष 2022 का है, जो इसमें अप्लाई नहीं होता है।

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