कुछ नया पेश करने पर ही रीक्रिएशन को सराहा जाता है : शिल्पा रानाडे

मुंबई। एनीमेशन फिल्म ‘गूपी गवैया बाघा बजैया’ के साथ आईं फिल्मकार शिल्पा रानाडे का कहना है कि किसी भी कल्ट स्टोरी को रीक्रिएट करने पर सराहना तब मिलती है जब यह कुछ नया पेश करे। शिल्पा ने कहा, ”गूपी गवैया बाघा बजैया’ प्रसिद्ध फिल्मकार सत्यजीत रे के दादा द्वारा रचित एक बाल साहित्य कृति से प्रेरित है।’शिल्पा ने बताया, ‘पहली बात कि जब मैं एनीमेशन में ‘गोपी गवैया बाघा बजैया’ बना रही हूं, तो मैं दर्शकों को इन पात्रों और कहानी को अपने तरीके से फिर से कल्पना करने का मौका दे रही हूं क्योंकि एनीमेशन में संदर्भित दृश्य वैसे नहीं होते जैसे कि रेगुलर फीचर फिल्म में होते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘दूसरी बात यह है कि रीक्रिएशन (फिर से निर्मित करना) को सराहना तभी मिलती है जब यह कुछ नया पेश करता है और ओरिजनल की नकल नहीं होता।’ शिल्पा ने कहा कि लोग कॉपी किए गए काम को देखने में दिलचस्पी नहीं लेंगे। एनिमेटेड फिल्म ‘गूपी गवैया बाघा बजैया’ एक मार्च को रिलीज होगी।

This post has already been read 6634 times!

Sharing this

Related posts