Ranchi: एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने रांची विश्वविद्यालय कुलसचिव डॉ.गुरु चरण दास के समक्ष विरोध किया ।
एनएसयूआइ ने विवि प्रशासन पर धांधली एवं घूसखोरी का आरोप लगाया है । राज्य उपाध्यक्ष अमन अहमद ने मॉस कम्युनिकेशन के नए निदेशक नियुक्त प्रक्रिया पर तीखा हमला बोला है । कहा की बसंत कुमार झा, जो कि मॉस कम्युनिकेश के नए निदेशक नियुक्त किए गए है वो अयोग्य है, उनके पास पीएचडी की डिग्री नहीं है और वो जिस प्राइवेट विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा दीक्षा प्राप्त किए है और उस विश्वविद्यालय पर UGC द्वारा डिग्री बांटने का आरोप है, वो विश्वविद्यालय हमेशा विवादों से घिरा रहा है ।
UGC के नियम अनुसार निदेशक बनने के लिए एसोसिएट प्रोफेसर होना अनिवार्य है, जिसका रांची विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उल्लंघन किया गया है । जबकि रांची विश्विद्यालय अपने नोटिफिकेशन में कहा था, वो उसका ही पालन नहीं किया ।
रांची विश्वविद्यालय ने जो विज्ञापन दिया था उसमे पात्रता के रूप में इंगित किया गया था कि निदेशक के लिए एसोसिएट प्रोफेसर का होना आवश्यक है, जिसके पास 5 वर्ष का अनुभव हो ।
मगर दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि बसंत कुमार झा के पास ना तो पीएचडी की डिग्री है और ना ही UGC द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार एसोसिएट प्रोफेसर बनने की पात्रता है ।
और इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि जिस विश्वविद्यालय का इनहोंने कार्य अनुभव दिखाया है उस विश्वविद्यालय पर UGC ने नियमों की अवहेलना करते हुए फर्जी डिग्री बांटने के आरोप में विश्वविद्यालय पर प्रतिबंध लगा दिया है और ब्लैकलिस्ट कर दिया ।
देश के बड़े अखबारों में OPJS विश्वविद्यालय काफ़ी कुछ छप चुका है और UGC द्वारा इसे डिग्री बांटने की बात कही है और फर्जी घोषित किया गया है । पूर्व में OPJC विश्वविद्यालय के अकाउंट समेत कई लोग गिरफ्तार भी हुए थे और जेल भी गए थे ।
एक शिक्षण संस्थान में ऐसे व्यक्ति का चयन दुखद है, विवि के छात्र छात्राओं के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन इसकी कड़ी निंदा एवं विरोध करती है ।
बसंत कुमार झा ना तो पीएचडी किए है, ना ही एसोसिएट प्रोफेसर बनने की पात्रता रखते है, ना ही उनके द्वारा लिखित पियर रिव्यूड शोध पत्र प्रकाशित हुए है और ना ही 5 साल की कार्य अनुभव है ।
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