झारखंड हाई कोर्ट ने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला

रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने चाईबासा की निचली अदालत द्वारा 30 जनवरी को चचेरे भाई की हत्या मामले में सालुका हेंब्रम को सुनाई गई फांसी की सजा को कंफर्म करने को लेकर राज्य सरकार की अपील एवं अपीलकर्ता सालुका हेंब्रम की अपील पर शनिवार काे फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने हत्या के दोषी सालुका हेंब्रम की फांसी की सजा को संशोधित करते हुए उसे आजीवन कारावास में बदल दिया।
अपने आदेश में खंडपीठ ने कहा कि यह घटना नशे की हालत में की गई थी, जो रेयरेस्ट का रेयर की श्रेणी में नहीं आता है। अपीलकर्ता का कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है और वह समाज के लिए खतरा भी नहीं है।
अपीलकर्ता सालुका हेंब्रम ने चाईबासा की निचली अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने और फांसी की सजा सुनाए जाने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। चाईबासा कोर्ट ने फांसी सजा के साथ-साथ सालुका हेंब्रम पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। यह मामला 2019 का है। सालुका हेंब्रम पर जमीन विवाद में चचेरे भाई की हत्या का आरोप था। यह घटना 11 सितंबर, 2019 की है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र निवासी रामधन हेंब्रम की दाउली से काटकर हत्या कर दी गयी थी। मृतक की पत्नी चारिबा हेंब्रम के बयान पर इस संबंध में गोइलकेरा थाने में सालुका हेंब्रम के खिलाफ हत्या को लेकर कांड संख्या 25/ 2019 दर्ज हुआ था।

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