रांची। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2016 के स्टेट मेरिट लिस्ट पर प्रार्थियों की आपत्ति पर झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को जस्टिस डॉ एसएन पाठक की बेंच में सुनवाई हुई। मामले में हाई कोर्ट ने जेएसएससी और राज्य सरकार को चार्ट के माध्यम से ही राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के आधार पर कोटिवार और विषयवार कट ऑफ मार्क्स देने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने इनसे पूछा है कि कितने सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई है और यह कब हुई है।
कोर्ट ने प्रार्थियों से भी अपने मार्क्स एवं कट ऑफ मार्क्स कोर्ट में सूचित करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी। इससे पहले राज्य सरकार एवं जेएसएससी की ओर से बताया कि जेएसएससी स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2016 का 26 विषयों का स्टेट मेरिट लिस्ट जारी कर दिया है। इस पर प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि कट ऑफ से ज्यादा मार्क्स वालों का भी चयन हो गया है। सरकार को बताना चाहिए कि कितने लोगों की नियुक्ति हुई है और यह नियुक्ति कब हुई है।
मामले में मीना कुमारी एवं अन्य की ओर से याचिकाएं दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2016 में जो हाई स्कूल शिक्षक की नियुक्ति का विज्ञापन निकला था, जिसके आलोक में उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए। क्योंकि, कट ऑफ से ज्यादा मार्क्स उन्होंने लाया है। यदि हाई स्कूल शिक्षकों की रिक्तियां बची हैं तो उनकी भी नियुक्ति होनी चाहिए। राज्य सरकार की ओर से जहां महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पैरवी की, वहीं जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल, प्रिंस कुमार और राकेश रंजन ने पैरवी की।
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