रांची। झारखंड में बीते एक वर्ष में पुलिस, अर्धसैनिक बल और सेना के 11 जवानों ने खुदकुशी की है। इनकी खुदकुशी की मुख्य वजह या तो वर्क प्रेशर हैं, नहीं तो उनकी निजी जिंदगी में चल रही परेशानियां बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि ड्यूटी पर तनाव, ओवरटाइम और छुट्टी ना मिलना पुलिसकर्मियों की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। इसका असर उनकी लाइफस्टाइल पर भी पड़ने लगा है। काम के दबाव के कारण उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। इन परेशानियों से तंग आकर पुलिसकर्मी खुदकुशी जैसे कदम उठा रहे हैं।
इन जवानों ने की खुदकुशी: 03 अक्टूबर को एनडीआरफ के कांस्टेबल ने रांची के एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में एक पेड़ से लटक कर खुदकुशी कर ली।
-03 अक्टूबर को रांची के सैम्बो स्थित सीआरपीएफ कैंप में एक जवान राहुल कुमार ने खुद को गोली मारकर की खुदकुशी। 02 अक्टूबर को चाईबासा के कराइकेला में एएसआई ने खुद को गोली मारकर की खुदकुशी । 25 जुलाई को चतरा जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र के शीला ओपी स्थित सीआरपीएफ कैंप में आशीष कुमार नाम के जवान ने गोली मारकर आत्महत्या की थी।
-जुलाई के आखिरी हफ्ते में लातेहार जिले के छिपादोहर थाना क्षेत्र के करमडीह पिकेट में पदस्थापित जवान प्रमोद सिंह की मौत उसके ही हथियार से गोली चलने की वजह से हो गयी थी। 18 जून को बोकारो के हरला थाना क्षेत्र के सेक्टर 8 में एक सीआईएसएफ जवान संजीत ने अपनी पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली थी। 31 मई को हजारीबाग डीआईजी आवास में तैनात जिला पुलिस के जवान विकास कुमार ने ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मार ली थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी थी।
-छह फरवरी को चतरा स्थित सीआरपीएफ 190 बटालियन कैंप में कैलाश चंद मेहरा नामक जवान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। वह मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिला के लोहड़ी गांव का रहने वाला था। नवंबर 2023 को सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना में पदस्थापित सत्यजीत कच्छप ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। 24 नवंबर 2023 को रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र में उत्तराखंड निवासी आर्मी के जवान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। अक्टूबर 2023 पाकुड़ में पदस्थापित झारखंड पुलिस के हवलदार ललन पासवान ने खुदकुशी कर ली थी।
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