रांची। मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि इस वर्ष अपेक्षाकृत वर्षा कम हुई है। इसलिए यहां जल छाजन के स्कीम की महत्ता बढ़ जाती है। जिलों में जल संरक्षण को लेकर हर स्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं। जल के एक-एक बूंद का संरक्षण और उसके महत्व को विस्तारपूर्वक बताया गया।
राजेश्वरी ने कहा कि पानी को व्यर्थ न बहाएं। पानी के व्यर्थ बहाव को रोकना सबकी जिम्मेदारी है। जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जन जागरुकता जरूरी है। उन्होंने इन योजनाओं को आत्मसात करते हुए प्लानिंग के साथ कृषि करने की बात कही। साथ ही कहा कि ड्रिप इरीगेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे जल संग्रहण के साथ फसल सिंचाई भी अच्छे से किया जा सकता है।
मनरेगा आयुक्त ने शनिवार काे जल छाजन के तहत संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को लेकर रांची, लोहरदगा, सिमडेगा एवं गुमला जिला में संचालित परियोजनाओं की क्रियान्वयन एजेंसी के साथ बैठक की। उन्हाेंने कहा कि जल छाजन कार्यक्रम का उद्देश्य है पर्यावरण में सही संतुलन को स्थापित करना, मिट्टी के कटाव को रोकना, प्राकृतिक वनस्पतियों को पुनर्जीवित करना, वर्षा जल का संरक्षण कर भूजल को बढ़ावा देना, मिश्रित खेती तथा खेती की नई तकनीकों को बढ़ावा देना व टिकाऊ जीविकोपार्जन पद्धति को बढ़ावा देना है।
बैठक में पीपीटी के माध्यम से जल छाजन को लेकर आवश्यकताओं के अलावा जल संकट की स्थिति और आम आदमी की पहल के साथ जल संरक्षण के उपाय की जानकारी दी गई। इनमें जल, जंगल, तथा जमीन का उचित संरक्षण एवं विकास करना, पारिस्थितिकी में सही संतुलन स्थापित करना, मिट्टी के कटाव को रोकना, प्राकृतिक तथा वनस्पतियों को पुनर्जीवित करना, वर्षा जल का संरक्षण तथा भूजल को बढ़ावा देना, मिश्रित होती तथा खेती के नई तकनीकों को बढ़वा देना, टिकाउ जीविकोपार्जन पद्धति को बढ़वा देने की जानकारी दी गई।
इस दौरान संयुक्त सचिव ग्रामीण विकास विभाग अवध प्रसाद, जिला तकनीकी विशेषज्ञ समेत अन्य उपस्थित थे।
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