क्या नया राज्य बनेगा पूर्वांचल? यूपी चुनाव से पहले बंट जायेगा उत्तर प्रदेश? 8 माह बाद है यूपी में चुनाव!

Lucknow : उत्तर प्रदेश की राजनीती में काफी गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। विधानसभा चुनाव में 8 महीने महीने में होना है। ऐसे में दूसरी पार्टियों को अधिक सक्रिय होना चाहिए। लेकिन हालत बिलकुल इसके विपरीत है सत्ताधारी पक्ष भाजपा में ज्यादा हलचल दिख रही है। बीते एक महीने से पार्टी के पदाधिकारियों, संघ के पदाधिकारियों, नेताओं और मंत्रियों के बैठकों का दौर जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर चुके हैं। इस सबके बीच तमाम तरह की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेतृत्व उत्तर प्रदेश का विभाजन कर अलग पूर्वांचल राज्य बनाने पर विचार कर रहा है। हालांकि, इस पर भाजपा के किसी नेता या मंत्री का बयान नहीं आया है।

भाजपा छोटे राज्यों की पक्षधर रही है

लेकिन इतिहास के पन्नों को पलटकर देखें तो पता चलता है कि भाजपा हमेशा से छोटे राज्यों की पक्षधर रही है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय ही मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड और बिहार से अलग होकर झारखंड बना था.

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यूपी के बंटवारे का मुद्दा नया तो नहीं
यूपी में अलग पूर्वांचल राज्य का मुद्दा नया नहीं है. इससे पहले नवंबर 2011 में तत्कालीन मायावती सरकार ने उत्तर प्रदेश को पूर्वाचल, बुंदेलखंड, पश्चिमी प्रदेश और अवध प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कराकर केंद्र को भेजा था. लेकिन केंद्र ने राज्य के इस प्रस्ताव को वापस कर दिया था. इस प्रस्ताव के मुताबिक पूर्वांचल में 32, पश्चिम प्रदेश में 22, अवध प्रदेश में 14 और बुंदेलखण्ड में 7 जिले शामिल होने थे.

क्यों उठी अलग राज्य की मांग

पीएम मोदी के करीबी और पूर्व नौकरशाह एके शर्मा को उत्तर प्रदेश भेजने, उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाने और पूर्वांचल में उनके सक्रिय होने के बाद इस बात को ओर हवा मिली. फिलहाल, एके शर्मा अभी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना प्रबंधन को संभाल रहे हैं. पूर्वांचल के करीब 18 जिलों पर भी उनकी नजर है.

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पूर्वांचल में शामिल जिले

पूर्वी प्रदेश के 27 जिलों में बहराईच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, फैजाबाद, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, बस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, आजमगढ़, प्रतापगढ़, जौनपुर, मऊ, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, कौशांबी, इलाहाबाद, संतरवीदास नगर को शामिल किया जा सकता है.

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