रांची। राजधानी रांची में जारी बिजली कटौती की समस्या से व्यापारियों-उद्यमियों की ओर से प्राप्त शिकायत पर झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने राज्य की विद्युत व्यवस्था पर नाराजगी जतायी है। चैंबर अधिकारियों ने विभागीय अधिकारियों से पूछा है कि पावर कट की समस्या का समाधान आखिर कबतक होगा।
चैंबर अध्यक्ष दीपक कुमार मारू ने शनिवार को कहा कि 41 डिग्री तापमान की गर्मी से लोग जूझ रहे हैं, वहीं राजधानी रांची के हर इलाके में बिजली काटकर मेंटनेंस कराया जा रहा है। मौसम साफ होने के बावजूद इतनी मेंटनेंस की क्या आवश्यकता है, यह समझ से परे है। बिजली कटौती के कारण व्यापारी-उद्यमियों का व्यापार बाधित हो रहा है, वहीं आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि झारखण्ड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेवीवीएनएल) द्वारा राज्यवासियों को बिजली आपूर्ति से वंचित रखा जाता है, तब राज्य सरकार को इसपर संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
मारू ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने के वायदे को पूरा करने में झारखण्ड राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड पूरी तरह अक्षम साबित हुआ है। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों पर भरोसा जताते हुए इन चार वर्षों के दौरान बिजली सुधार के लिए विभाग को पर्याप्त फंड भी उपलब्ध कराया, पर जेबीवीएनएल मुख्यमंत्री के भरोसे को अमलीजामा नहीं पहना सका। उन्होंने कहा कि झारखण्ड राज्य विद्युत नियामक आयोग प्रत्येक वर्ष जेबीवीएनएल के शुल्क वृद्धि के प्रस्तावों को पारित कराने में अग्रसर भूमिका का निर्वहन करता रहा है किंतु राज्य में उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली कैसे मिले, इसपर नियामक आयोग ने कभी संज्ञान नहीं लिया है। इस वर्ष भी बिजली दर बढ़ाकर उपभोक्ताओं से बढ़े हुए मूल्य प्राप्त किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के व्यापार एवं उद्योग जगत की शीर्षस्थ प्रतिनिधि संस्था होने के नाते हम पुनः सरकार से अपनी मांग राज्य की विद्युत व्यवस्था को प्राईवेट/प्रोफेशनल्स के हाथों में सौंपने का अनुरोध करते हैं।
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