नई दिल्ली। अमेरिका की खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वॉलमार्ट अगले पांच साल में भारत में 25 संस्थान खोलेगी। ये संस्थान सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम क्षेत्र(एमएसएमई) के 50,000 उद्यमियों को प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। वॉलमार्ट इंटरनेशल की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जूडिथ मैक्केना ने कहा कि ये संस्थान ‘वॉलमार्ट वृद्धि सप्लायर डेवलपमेंट प्रोग्राम’ के तहत खोले जाएंगे। देशभर में ये संस्थान विनिर्माण केंद्रों के पास खोले जाएंगे। ये भारत के प्रति वॉलमार्ट की दीर्घावधि प्रतिबद्धता का हिस्सा हैं। हालांकि, कंपनी ने इस तरह के संस्थानों के नेटवर्क पर खर्च का ब्योरा नहीं दिया। कंपनी ने कहा है कि इस कदम से वह भारत में स्थानीय खरीद बढ़ा सकेगी।
भारत इस समय वैश्विक स्तर पर वॉलमार्ट की खरीद का पांचवां सबसे बड़ा हब है। चीन, अमेरिका, मेक्सिको और कनाडा उससे आगे हैं। वॉलमार्ट का वैश्विक परिचालन 14 बाजारों में है। मैक्केना ने कहा कि पहले पांच साल में हमारा 50,000 एमएसएमई उद्यमियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। हम उन्हें विनिर्माण क्लस्टरों के पास बने 25 संस्थानों में प्रशिक्षण देंगे। उन्होंने कहा कि वॉलमार्ट पिछले दशक से भारतीय एमएसएमई को आपूर्ति श्रृंखला में लाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आपको शायद जानकारी नहीं हो, लेकिन भारत वॉलमार्ट के पांच प्रमुख खरीद बाजारों में से एक है।
बेंगलुरु में हमारा वैश्विक खरीद केंद्र है जो भारतीय उत्पादों का 14 वैश्विक बाजारों को निर्यात करता है।’’ मैक्केना ने कहा कि कंपनी केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और अन्य के साथ मिलकर काम करेगी, ताकि किसानों, किराना दुकानदारों और एमएसएमई की जरूरत की पहचान की जा सके। हम भारत में निवेश करना जारी रखेंगे। अभी वॉलमार्ट 27 बेस्ट प्राइस मॉडर्न होलसेल स्टोरों का परिचालन करती है। कैश एंड कैरी थोक खंड में कंपनी फिलहाल करीब 5,000 उत्पादों की पेशकश करती है। इसमें वह 95 प्रतिशत खरीद स्थानीय स्तर पर करती है।
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