कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को इशारे-इशारे में केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कश्मीर में असंतोष की आवाज को बंदूक के बल पर क्रूरता से कुचलने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि देश ऐसे शासन की ओर बढ़ रहा है जहां लोगों के सभी मौलिक अधिकारों को खत्म कर दिया जाएगा। बुधवार को राज्य विधानसभा में बयान देते हुए उन्होंने कहा कि देश के महत्वपूर्ण संस्थानों की अगुवाई सेवानिवृत्त नौकरशाह कर रहे हैं जिनकी कोई जवाबदेही नहीं है।
उनका काम केवल सरकार की हां में हां मिलाना है। जालियांवाला बाग हत्याकांड की 100 वर्ष पूर्ति के मौके पर राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि आज कश्मीर मामले पर लोगों ने चुप्पी साध रखी है। कश्मीर पर कोई भी फैसला लेने से पहले सभी पार्टियों से बातचीत करने की जरूरत थी। महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्लाह जैसे कश्मीर के नेता किस हाल में हैं, यह किसी को नहीं पता। राहुल गांधी और अन्य नेताओं को कश्मीर जाने से रोकने का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वहां किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है।
इतिहास को मिटाने की कोशिश की जा रही है। ममता ने कहा कि मुझे आशंका है देश में एक राजनीतिक पार्टी, एक चुनाव और एक नेता की आवाज उठेगी। देश धीरे-धीरे राष्ट्रपति शासन की ओर बढ़ रहा है। ममता ने कहा कि लोकतंत्र बचना चाहिए, यह एक अमूल्य संपदा है। लोगों का अपना-अपना धर्म हो सकता है लेकिन देश सबका है। जबरदस्ती इतिहास को नहीं बदला जाता है। बिना नाम लिए भाजपा पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता को खंडित करने की कोशिश की जा रही है। महात्मा गांधी की हत्या करने वाले आज गर्व से कहते हैं कि आजादी की लड़ाई में उनका भी योगदान रहा है। वे कहते हैं कि देश के लिए लड़ रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि वे राजनीतिक फायदे के लिए देश का इतिहास बदल रहे हैं। इसके खिलाफ मुखर आवाज उठानी होगी।
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