प्रतिभाशाली अभिनेता इस बहुप्रतीक्षित सीरीज़ में कप्तान रोहित बग्गा की भूमिका में नज़र आएंगे, जो मुंबई में हुए आतंकी हमले के समय छुट्टी पर थे और स्थिति को संभालने के लिए एनएसजी कमांडो को बुलाया गया था। लेकिन जैसे ही इस बहादुर कमांडो को इस बारे में जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत अपने वरिष्ठ को फ़ोन किया और ड्यूटी पर पहुंच गए। हालांकि उनके सीनियर ने उन्हें समझाया भी कि वह व्यक्तिगत छुट्टी पर हैं और इसे ताल सकते हैं, लेकिन कप्तान रोहित बग्गा ने जोर देकर कहा कि वह ऑपरेशन का हिस्सा बनना चाहेंगे।उसके बाद, वह बिना रुके चार घंटे ड्राइव करने के बाद, समय से फ्लाइट पकड़ने में सफ़ल रहे। टीवी के हैंडसम हंक विवेक दहिया आज अपना जन्मदिन भी मना रहे हैं और इस भूमिका के साथ अपना डिजिटल करने के लिए तैयार है। उनके किरदार कैप्टन रोहित बग्गा को विस्फोटकों में बहुत ज्ञान और विशेषज्ञता हासिल थी। यही नहीं, ये ही वो कमांडो है जिन्होंने नरीमन हाउस में आतंकवादियों को नीचे लाने में अहम भूमिका निभाई थी। अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए विवेक दहिया कहते है, “एक महत्वाकांक्षी किरदार निभाना मेरे लिए एक ट्रीट की तरह है क्योंकि मैं खुद एक ऐसा व्यक्ति हूं जिसे खुद के काम से प्रेरणा मिलती है! और एक कलाकार के रूप में हम केवल मनोरंजन कर रहे हैं, लेकिन ये लोग असल में ज़िंदगी बचा रहे हैं और हमारे देश की रक्षा कर रहे हैं! मेरे लिए यह विशेष है क्योंकि मैं एक बहादुर व्यक्ति का किरदार निभा रहा हूं और जिसने मुझे एक इंसान के रूप में विकसित होने में मदद की है और मुझे अपने देश के अधिक करीब कर दिया है। सेट पर सेना अधिकारी की वर्दी में होना एक बात है, लेकिन इस शो में को इतनी बारीकी और ध्यान से बनाया गया है कि उनकी भूमिका निभाते वक़्त, हमारे सैन्य अधिकारी और कमांडो के प्रति सम्मान अधिक बढ़ गया है। उनकी निस्वार्थता और अपने देश को अपने और अपने परिवार सहित हर चीज से ऊपर रखना और अपने देश के लिए जीने और मरने के लिए अविश्वसनीय रूप से एक मजबूत दिल की जरूरत है। कैप्टन रोहित बग्गा के किरदार ने मुझे अपने क्षितिज का विस्तार करने में मदद की है और एक युद्ध के मैदान में होना और अपने देश के प्यार के लिए सब कुछ करना, यह सब करीब से जानने का मौका मिला है। मैं सही मायनों में ज़ी5 पर इस सीरीज़ की रिलीज का इंतजार कर रहा हूं। ” आठ-एपिसोड की यह श्रृंखला अनकही कहानियों को उजागर करती है और 26 नवंबर 2008 को मुंबई में लंबे समय तक चले आतंकी घेराबंदी के दरमियान विभिन्न घटनाओं का वर्णन करने वाली सच्ची कहानी पर आधारित है। यह संदीप उन्नीथन की पुस्तक ‘ब्लैक टॉर्नेडो: द थ्री सीज ऑफ मुंबई 26/11’ पर आधारित है।
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