संयुक्त राष्ट्। संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष मारिया फर्नांडा एस्पिनोसा गार्सेस ने कहा कि शांति होना युद्ध न होने की स्थिति से अधिक मायने रखता है और गरिमा और समानता की संस्कृति के माध्यम से इसे लगातार बढ़ावा देने की आवश्यकता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के ‘डिक्लेरेशन एंड प्रोग्राम ऑफ एक्शन ऑन अ कल्चर ऑफ पीस’ को अपनाए जाने की 20 वीं वर्षगांठ के मौके पर शुक्रवार को एस्पिनोसा ने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि शांति की संस्कृति वह डोर है जो आगामी पीढ़ियों को युद्ध के संकट से बचाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक मिशन को एक सूत्र में पिरोती है। एस्पिनोसा ने कहा, “इसे गरिमा और समानता, मानवाधिकारों और न्याय, सम्मान और समझ, और सहयोग और बहुपक्षवाद के माध्यम से निरंतर बढ़ावा देने की आवश्यकता है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि अलग-थलग होकर शांति नहीं पाई जा सकती। इसके लिए “साझेदारी, मित्रता, एकजुटता और उदारता की आवश्यकता है।” उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सतत विकास के लिए निर्धारित 2030 के एजेंडे को पूरा करने का भी आग्रह किया।
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