हजारीबाग । तीसरे चरण के चुनाव में मांडू विधानसभा क्षेत्र में दो सगे भाइयों भारतीय जनता पार्टी के जयप्रकाश भाई पटेल एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा के रामप्रकाश भाई पटेल के बीच कड़ी चुनावी टक्कर दिख रही है। दोनों भाई अपनी-अपनी पार्टियों के परंपरागत वोटों को अपने साथ बनाए रखने की जद्दोजहद के साथ क्षेत्र के लोगों को अपने पक्ष में गोलबंद करने का प्रयास करते दिख रहे हैं। वर्तमान विधायक सह भाजपा उम्मीदवार जयप्रकाश भाई पटेल को साइलेंट वोटर्स पर भरोसा है, वहीं झामुमो के रामप्रकाश भाई पटेल झामुमो के परंपरागत वोटों के सहारे क्षेत्र में लगे हैं।दोनों भाई पिता स्व. टेकलाल महतो की राजनीतिक विरासत को बचाने के प्रयास में हैं।
दोनों भाइयों द्वारा मांडू, गिद्दी से लेकर विष्णुगढ़ तक लोगों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। दोनों एक-दूसरे से आगे निकलने के प्रयास में लगे हैं। लोगों का कहना है कि मांडू विधानसभा सीट झामुमो व टेकलाल महतो का गढ़ रहा है। इस विधानसभा सीट से झामुमो उम्मीदवार के रूप में टेकलाल महतो ने चार बार जीत दर्ज की थी। एकबार वे निर्दलीय भी इस सीट से विजयी हुए थे। इतना ही नहीं जयप्रकाश भाई पटेल भी 2011 में पिता टेकलाल महतो के असमय निधन से रिक्त हुई सीट पर हुए उपचुनाव में विजयी हुए थे, तब जयप्रकाश भाई पटेल झामुमो प्रत्याशी के रूप में मैदान में थे। 2014 के विधानसभा चुनाव में भी झामुमो प्रत्याशी के रूप में जयप्रकाश भाई पटेल ने जीत दर्ज की थी।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मांडू विधान सभा क्षेत्र झामुमो के साथ-साथ टेकलाल महतो का भी गढ़ रहा है। यही कारण है कि दोनों भाई टेकलाल महतो को ही सामने रखकर जनता से वोट मांग रहे हैं। यह अलग बात है कि वर्तमान विधायक एवं भाजपा प्रत्याशी जयप्रकाश भाई पटेल पिता स्व टेकलाल महतो के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुुख्यमंत्री रघुवर सरकार के द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर भी जनता के बीच हैं। उन्होंने क्षेेत्र में विकास का दावा भी किया है। रामप्रकाश भाई पटेल झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ-साथ टेकलाल महतो की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए जनता से वोट मांग रहे हैं।यह सही है कि माण्डू विधानसभा क्षेत्र में दो भाइयों के बीच कड़ी टक्कर की बात बताई जा रही है, लेकिन इन दोनों के चुनावी संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका अन्य प्रत्याशी भी अदा कर रहे हैं।
टेकलाल महतो का भतीजा चंद्रनाथ भाई पटेल एकबार फिर झारखंड विकास मोर्चा के प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। चंद्रनाथ भाई पटेल पिछले कई चुनावों से आगे बढ़कर पहली जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। निर्दलीय कुमार महेश सिंह तीन भाइयों की टक्कर में आगे निकलने के प्रयास में हैं। उनका मानना है कि महतो बहुल इस विधानसभा क्षेत्र में तीन भाइयों के साथ निर्मल महतो उर्फ तिवारी महतो एवं दुष्यंत पटेल भी एक ही जाति से आते हैं। ऐसे में वोट बंटवारे का लाभ उन्हें मिलेगा। यही कारण है कि सिंह अपनी जीत के प्रति आशान्वित हैं। निर्मल महतो उर्फ तिवारी महतो, दुष्यंत पटेल एवं भकपा के महेन्द्र पाठक अपने अस्तित्व के लिए चुनावी मैदान में हैं।
भले ही आजसू के निर्मल महतो एवं जदयू के दुष्यंत पटेल जीत की राह के नजदीक शायद ही पहुंचेंगे लेकिन अन्य की जीत-हार में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। कुछ जानकार कुमार महेश सिंह की भी यही भूमिका की चर्चा करते हैं।बहरहाल देखना होगा कि आने वाले समय में दोनों सगे भाइयों से आगे निकलकर मांडू की जनता कोई नया फैसला कर पाती है या नहीं। चुनाव परिणाम ही बताएगा कि निर्दलीय कुमार महेश सिंह, आजसू के निर्मल महतो एवं जदयू के दुष्यंत पटेल केवल एक-दूसरे को हराने व जिताने की भूमिका में रहते हैं या अपने लिए जीत का मार्ग प्रशस्त करेंगे।हिन्दुस्थान
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