रांची : सेकंड सीआईआई ट्राईबल डेवलपमेंट मीट का आयोजन रांची में दूसरी बार किया गया. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुये. अपने संबोधन में सीएम रघुवर दास ने कहा कि आदिवासियों के कल्याण के लिए सरकार हमेशा से कटिबद्ध रही है.
जल जंगल जमीन के नाम पर आदिवासियों को बरसों गुमराह किया है. पिछले साढ़े चार साल में आदिवासियों के विकास की मजबूत शुरुआत हुई. आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक समाज के युवाओं को राज्य सरकार विकसित समाज की श्रेणी में लाना के लिए कार्य कर रही है. ऐसे समुदाय के लोग भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाएं, चिकित्सक बनें, इंजीनियर बनें, जो चाहे बनें. जो आदिवासी युवा IAS की तैयारी करना चाहते हैं, सरकार उन्हें 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी. उद्योग लगाने वाले युवाओं को 50% रियायती दर पर जमीन सरकार देगी. यह 50% राशि भी 5 साल में 10 किस्तों में उन्हें चुकाना होगा, जिसपर कोई ब्याज सरकार नहीं लेगी. इन समुदायों के कल्याण के लिए सरकार आदिवासी वित्त निगम, पिछड़ा वित्त निगम, अल्पसंख्यक वित्त निगम और अनुसूचित वित्त निगम को 5-5 करोड़ रुपये देगी. उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने होटल बीएनआर चाणक्य में आयोजित भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की दूसरी ट्राइबल डेवलपमेंट मीट में कही.
6 आकांक्षी जिलों पर विशेष फोकस करें, वहां के युवाओं को अवसर दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स और आदिवासी इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स झारखंड के 17 पिछड़े जिले जिनमें से 06 आकांक्षी जिलों की श्रेणी में आते हैं. वहां के आदिवासी, दलित, अनुसूचित और अल्पसंख्यक युवाओं को रोजगार प्रदान करना सरकार का ध्येय है. युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार के लिए प्रोत्साहित कर विकसित समाज की श्रेणी में लाना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में आप लोग जिला व प्रखंड स्तर पर इस कार्यक्रम का आयोजन करें. वहां के युवाओं को अवसर दें. राजधानी के होटल में कार्यक्रम आयोजित कर हम सभी लोगों को इससे नहीं जोड़ सकते हैं. इसके लिए हमें राज्य के विभिन्न जिलों में कार्यक्रम आयोजित करना होगा.
युवाओं आप अपनी सोच बदलें, सरकार आपके साथ है
मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील किया कि झारखंड की दशा और दिशा बदलना हम सबका परम लक्ष्य होना चाहिए. आदिवासी, दलित, अनुसूचित और अल्पसंख्यक युवा आप अपनी सोच को बदलें. दशकों तक आप को भ्रम में रखा गया. उस धुंध रूपी भ्रम को अब हटाने की जरूरत है. डिजिटल होते इस युग में आप भी बदलें और अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. जैसे ही आप अपनी सोच को बदलेंगे. आपका समाज स्वतः बदल जाएगा. आपको गुमराह कर विकास में पीछे कर दिया गया है. जल, जंगल, जमीन के नाम पर दशकों तक यही होता रहा. आप विकास विरोधी की पहचान करें और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करें.
स्टार्टअप और स्टैंडअप से जुड़े, टीम भावना से करें काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी, दलित, अनुसूचित और अल्पसंख्यक समुदाय के युवा स्टार्टअप और स्टैंडअप से जुड़े. छोटी कंपनियां बनाएं और आगे आएं. आईटी का क्षेत्र को भी अपना सकते हैं. आपको इस कार्य के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. बैंक की जो मनोवृत्ति है उसमें बदलाव भी लाना होगा. छोटे उद्यमियों को भी लोन मिले यह सुनिश्चित करना है, क्योंकि लघु उद्योग से रोजगार का सृजन होता है. सरकार का मकसद आप जैसे आगे आने वाले उद्यमियों को प्रोत्साहित करना भी है.
भू संपदा, मानव संसाधन, 40% खनिज ऐसा है हमारा झारखण्ड
मुख्यमंत्री ने कहा कि भू-संपदा, मानव संसाधन, 40% खनिज, सरल सीधे लोग झारखंड के पास है. यहां संसाधन की कोई कमी नहीं, कोई कारण नहीं कि राज्य गरीब रहे. बस इन सब में समन्वय स्थापित कर कार्य को करने की जरूरत है. आदिवासियों ने राज्य की संस्कृति को संभाला है. ऐसे समाज के प्रति सरकार की भी जिम्मेदारी है कि उन्हें आगे लाया जाए. इस कार्य में युवा शक्ति बड़ी भूमिका निभा सकता है, जो हमारे पास कीमती संसाधन के रूप में मौजूद है. हमारे पास उद्देश्य है, सामर्थ है, संभावना भी है और संयोग भी. इन सब का उपयोग कर हम कैसे सर्वांगीण विकास की ओर अग्रसर हो सकते हैं. यह हम सभी को मिलकर सोचने की जरूरत है.
इस अवसर पर पदमश्री सह चेयरमैन दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिलिंद काम्बले, सचिव उद्योग सरकार के रवि कुमार, प्रेसिडेंट ट्राइबल इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री खेलाराम मुर्मू, वाईस चेयरमैन सीआईआई संजय सभरवाल, चेयरमैन डिक्की ईस्टर्न जोन राजेन्द्र कुमार, को- कन्वेनर सीआईआई झारखण्ड स्किल डेवलपमेंट प्रीति सहगल, चेयरमैन, सीआईआई झारखण्ड स्टेट काउंसिल नीरज कांत, हेड सीआईआई झारखण्ड इंद्रनील घोष, अनुसूचित जाति, दलित समाज के उद्यमी व अन्य उपस्थित थे.
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