दिवंगत सांसद डॉ भोला सिंह की आवाज आज भी संसद के सभागार में मौजूद है: गिरिराज सिंह

बेगूसराय । बेगूसराय की राजनीति के भीष्म पितामह और 50 वर्षों के अपने संसदीय इतिहास में विधानसभा से लेकर लोकसभा तक का सफर तय करने वाले पूर्व सांसद डॉ भोला सिंह की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर बेगूसराय वासियों ने उन्हें श्रद्धा पूर्वक याद किया। इस मौके पर जिला भर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। मुख्य कार्यक्रम जिला मुख्यालय के दिनकर कला भवन में आयोजित किया गया। जहां कि तमाम दलीय प्रतिबद्धता समाप्त हो गई तथा तमाम दलों के प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित हुए। मौके पर डॉ भोला सिंह के निधन के बाद बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में उनका उत्तराधिकार संभालने वाले सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, राज्यसभा सांसद पद्मश्री डॉ सीपी ठाकुर, जिला के प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा, बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस के अध्यक्ष बेगूसराय विधायक अमिता भूषण, मटिहानी के विधायक बोगो सिंह, बछवाड़ा के विधायक रामदेव राय, चेरिया बरियारपुर के विधायक मंजू वर्मा समेत तमाम अतिथियों ने डॉ भोला सिंह के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

भाजपा जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता और संचालन में आयोजित पुण्यतिथि समारोह को संबोधित करते हुए गिरिराज सिंह नेे कहा कि आज राजनीति के उस शिखर पुरुष की पुण्यतिथि है, जिनकी आवाज आज भी संसद के सभागार में मौजूद है। 
गिरिराज सिंह ने कहा कि गीता और रामायण जैसे महाकाव्यों के उदाहरण के साथ गांव, गरीब, किसान, मजदूर के आंसुओं की वेदना और उस वेदना की त्रासदी को मुखरता से गाने वाले मां सरस्वती के वरदपुत्र के देहावसान के पश्चात जिस राजनीतिक और साहित्यिक शून्यता की उपज हुई है, उसकी पूर्ति कदापि सम्भव नहीं है। विभिन्न पदों पर आसीन होकर भोला बाबू ने बेगूसराय की उन्नति के समग्र प्रगति की जो पटकथा लिखने का प्रयत्न किया।

उसी के प्रतिफल है कि बेगुसराय पुनः औद्योगिक राजधानी के रुप में सजने संवरने लगा है।राजनीति में निष्कलंक व निःस्वार्थ होकर सेवा की भावना से गांव की झोपड़ियों से जुड़े रहने की उनकी अद्भुत कला राजनीति के एक युग की प्रेरणा है। भोला बाबू ना केवल बेगूसराय के थे, बल्कि वो उन करोड़ों किसानों और गरीबों के आकांक्षाओं की आवाज थे, जो बदलते परिवेश में भी आधुनिकता से जुुुुड़़े बिना सब से जुड़़े रहे। आज उनके प्रति श्रद्धासुमन अर्पित कर हम उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को नमन करते हैं एवं उनके करकमलों से संवारे गए बेगूसराय क्षेत्र के चहुंमुखी विकास का दृढ़संकल्प भी दुहराते हैं। गिरिराज सिंह ने कहा कि राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर और बिहार केसरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह की तरह भोला बाबू भी अमर हो गए। जिनका व्यक्तित्व ही कृतित्व में स्मृत होता है। वह जिस मंच पर जाते थे बखिया उधेड़ देते थे, हर अनछुए पहलुओं से अवगत कराते थे।

आज प्रथम पुण्यतिथि पर अपनी तरह बेगूसराय की सेवा करने की शक्ति मांगते हैं। उनके छवि को गिरने नहीं देंगे, उनके पद चिन्हों पर चलकर सभी सपनों को पूरा करें। 
समारोह को संबोधित करते हुए पद्मश्री डॉ सीपी ठाकुर ने कहा कि जब लोग दुनिया से चले जाते हैं तो वह सब के हो जाते हैं। आज इस पुण्य तिथि में जुटे सभी दलों के लोगों ने यह साबित कर दिया है। भोला बाबू गंभीर बीमारी से ग्रसित होने के बाद भी घबराए नहीं, जीवन से हतोत्साहित नहीं हुए और प्रखर वक्ता बनकर लोगों को नई दिशा देते रहे‌। जिला के प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने उनके संस्मरण को याद करते हुए कहा कि हम सब अपना काम ईमानदारी और पवित्रता से पूरा करते हुए भोला बाबू के विचारधारा पर चलकर उनके सभी सपनों को पूरा करेंगे।

वहीं मटिहानी के विधायक बोगो सिंह ने भोला बाबू के संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि राजनीति में प्रवेश के रास्ते के पहले गुरु थे। उनकी तरह समाज के अंतिम पंक्ति की सेवा ही सबका धर्म होना चाहिए‌। भोला बाबू के निधन के बाद बेगूसराय की धरती पर लोकतंत्र का चीरहरण हो रहा है। हम सब उसे बचाने में विफल हैं। 
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ भोला सिंह की पुत्रवधू वरिष्ठ भाजपा नेत्री कार्यक्रम संयोजक वंदना सिंह ने किया। दूसरी ओर नगर निगम के पूर्व महापौर संजय कुमार के प्रयास में जहां रतनपुर विशनपुर काली स्थान से गुप्ता लखमिनियां बांध तक के सड़क का नामकरण डॉ भोला सिंह पर किया गया। वहीं, भोला बाबू के पैतृक गांव दुनही के समीप रक्सी चौक पर विधान पार्षद रजनीश कुमार ने समाजवादी नेता पूर्व सांसद रामजीवन सिंह के उपस्थिति में स्मृति द्वार का शिलान्यास किया।

This post has already been read 7649 times!

Sharing this

Related posts