पश्चिम बंगाल : में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल शनिवार को पांचवें दिन भी जारी रही। लेकिन डॉक्टरों और ममता बनर्जी सरकार के चल रहा गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री ने शनिवार शाम हड़ताली डॉक्टरों को राज्य सचिवालय में बातचीत के लिए बुलाया लेकिन डॉक्टरों ने उनके आमंत्रण को ठुकरा दिया। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री को पहले माफी मांगनी होगी।
जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम के प्रवक्ता अरिन्दम दत्ता ने कहा, ‘हम बैठक के लिए मुख्यमंत्री के आमंत्रण पर राज्य सचिवालय नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री नील रत्न सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आना होगा और एसएसकेएम अस्पताल में गुरुवार को अपने दौरे के दौरान की गई टिप्पणियों के लिए बिना शर्त माफी मांगनी होगी।
इसी बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से मुलाकात की है। एम्स के रेसीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह मल्ही ने कहा, ‘सभी रेसीडेंट डॉक्टर्स काम पर वापस लौट आए हैं लेकिन काले बैज, पट्टियां और हेलमेट पहनकर हमारा सांकेतिक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। यदि परिस्थिति बदतर होती है तो हम 17 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) सदस्यों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के प्रति आभार व्यक्त किया और गतिरोध को दूर करने के लिए उनके कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘हमें पूरी उम्मीद है कि वह इसे प्राथमिकता देते हुए इस मामले का अति शीघ्र समाधान करेंगे।’ सफदरजंग अस्पताल आरडीए के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने भी इस मामले पर समान रुख अपनाया।
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