कोरोना की दूसरी लहर के लिए वायरस में बदलाव नहीं बल्कि लोगों की लापरवाही जिम्मेदार

 देश में ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के कोरोना विक्रित रूपों से जुड़े कुल 771 मामले 

नई दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कारण वायरस में बदलाव नहीं बल्कि लोगों की लापरवाही है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) के मुताबिक देश में अब तक 771 मामले कोरोना के दूसरे विकृत रूपों (वेरिएंट) के सामने आएं। देश में अब तक ब्रिटेन प्रकार के 736, दक्षिण अफ्रीका के 34, ब्राजील का एक मामला सामने आया है।

एनसीडीसी के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार ने  बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि दिसंबर तक तीन हजार सैंपल की जांच की गई थी लेकिन पिछले तीन महीने में ग्यारह हजार सैंपल की जांच की गई है। आने वाले दिनों में यह संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि  65-75 फीसदी लोग इस बीमारी के चपेट में आ सकते हैं। इसलिए लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।  

उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, दिल्ली और अन्य शहरों में वायरस में बदलाव देखा जा रहा है। एनसीडीसी के अधिकारी के मुताबिक देश में पिछले तीन महीनों में ग्यारह हजार से अधिक सैंपल की जांच की गई है जिसमें 771 मामले दूसरे विक्रित रूपों के सामने आए हैं। 

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि देश में कुछ राज्यों में जहां कोरोना तेजी से फैल रहा है वहां वायरस में बदलाव देखा जा रहा है। लोगों को सावधानी बरतनी की जरूरत है। राज्यों को अधिक टेस्ट करने की भी जरूरत है। संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए लोगों से दूरी बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि होली, ईस्टर जैसे त्योहार आ रहे हैं इसके मद्देनजर लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। 

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