झारखंड में एनडीए में बिखराव

रांची। झारखंड में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पूरी तरह बिखरता नजर आ रहा है। एनडीए में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में सीटों की तालमेल नहीं हो पायी। इससे एनडीए में टूट लगभग तय है। भाजपा के साथ सीटों पर बात नहीं बनने के बाद आजसू ने उन सीटों पर भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जो भाजपा की परंपरागत सीट रही है।

उधर एक भी सीट नहीं मिलने पर लोजपा ने पहले ही राज्य की कुल 81 में से 50 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। इस बीच भाजपा के मुख्य सचेतक रहे छतरपुर विधायक राधा कृष्ण किशोर पार्टी से बगावत करते हुए आजसू में शामिल हो गये। संभवत: वह आजसू के टिकट पर छतरपुर से चुनाव लड़ेंगे। उल्लेखनीय है कि बीते लोकसभा चुनाव में राज्य की कुल 14 लोकसभा सीटों पर भाजपा, आजसू और लोजपा ने साझा चुनाव प्रचार किया था। हालांकि लोकसभा चुनाव में लोजपा के कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं थे। उस चुनाव में भाजपा को 11 और आजसू को एक सीट पर जीत हासिल हुई थी।

आजसू की ओर से मंगलवार को आयोजित मिलन समारोह में पार्टी प्रमुख सुदेश कुमार महतो ने कहा कि पार्टी ने जिन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है, वह नहीं बदले जायेंगे। क्योंकि पहली सूची भाजपा ने जारी की है। आजसू ने शीट शेयरिंग को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधानसभा चुनाव प्रभारी से बातचीत की थी। पार्टी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की थी। साथ ही 17 सीटों के नाम भी सौंपे गये थे। पार्टी ने चिन्हित सीटों में से 12 के उम्मीदवारों की सूची अभी तक जारी की है। उन्होंने कहा कि चुनाव के पहले सहयोगी दलों को आपस में बातचीत कर सूची जारी करनी चाहिए। लेकिन भाजपा ने बिना आजसू को भरोसा में लिये अपनी पहली सूची जारी कर दी थी। उनका क्या निर्णय है, यह साफ है।

उन्होंने कहा कि सहयोगी दल के साथ चुनाव के बाद गठबंधन होगा या नहीं यह काल्पनिक सवाल है। इस पर अभी वह कोई जवाब नहीं देंगे। सिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा द्वारा उनके खिलाफ प्रतिद्वंदी उतारने के सवाल पर उन्होंने कहा कि स्वागत है। अगर वहां से वह अपने प्रतिद्वंदी उतारते हैं, तो हम स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न दलों के बड़े नेता पार्टी के संपर्क में हैं। दो-चार दिन में और भी कई नेता सामने आएंगे। गठबंधन टूटेगा या रहेगा इसका क्या स्वरूप होगा, इन सवालों से बचते हुए उन्होंने कहा कि वे अपने पहले के स्टैंड पर वह कायम हैं। राधा कृष्ण किशोर के बाबत उन्होंने कहा कि अभी वह चंद घंटे पहले ही पार्टी में शामिल हुए हैं। उन्हें टिकट दिया जाएगा या नहीं कुछ समय इन्हें पार्टी में रहने दिया जाए, उसके बाद जानकारी दी जाएगी।

उन्होंने फिर दोहराया कि सिर्फ शीट शेयरिंग का मामला नहीं है। कई वैधानिक मामले भी हैं। जिनकी सूची राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंपी गयी है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनना चाहिए। इसका सुझाव उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को दिया था। उन्होंने कहा कि गत दिनों भाजपा के विधानसभा चुनाव प्रभारी के साथ बैठक हुई थी। जिसमें तय हुआ था कि जो जहां से मजबूत होगा, वह वहां से चुनाव लड़ेगा। हमने जहां काम किया है, वहां की सूची सौंप दी थी। प्रेसवार्ता में आजसू सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, राधा कृष्ण किशोर, कमल किशोर भगत, देवशरण भगत, हसन अंसारी मौजूद थे।

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