रांची। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है। पूरे देश में कारखाने बंद हो रहे हैं। मजदूरों की छंटनी हो रही है, लेकिन मोदी सरकार सिर्फ और सिर्फ आरएसएस के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए हिंदुत्व के नाम पर वोट की राजनीति कर रही है।दो दिवसीय बैठक के बाद रविवार को भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव राजा मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत मॉब लिंचिंग और सेकुलरिज्म को विदेशी शब्द कहकर नकारते हैं, तो दूसरी तरफ एफडीआई का स्वागत कर रहे हैं। आरएसएस के इशारे पर देश को चलाना राष्ट्र हित में नहीं है। इसीलिए वामदल राष्ट्रव्यापी आर्थिक संकट के विरोध में आंदोलन के लिए तैयार हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड राज्य परिषद की दो दिवसीय बैठक 12 और 13 अक्टूबर को रांची के सीपीआई राज्य कार्यालय में पशुपति कोल की अध्यक्षता में हुई। इसमें मुख्य रूप से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड डी राजा को राज्य सचिव भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने बिरसा मुंडा का प्रतीक चिह्न देकर स्वागत किया। बैठक में शोक प्रस्ताव भाकपा के सहायक सचिव महेंद्र पाठक ने पेश किया। राज्य सचिव भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने राज्य के राजनीतिक परिस्थिति एवं कार्य रिपोर्ट पेश की।
भाकपा के राष्ट्रीय सचिव रमेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण तमाम औद्योगिक क्षेत्र के मजदूरों में आक्रोश है। इसीलिए 8 जनवरी को पूरे देश में आम हड़ताल की घोषणा मजदूर संगठनों ने की है। उसका भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी समर्थन करेगी। इस मौके पर राज्य के सहायक सचिव महेंद्र पाठक, राजेंद्र यादव, ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम खान भी मौजूद थे।
झारखंड में एक मंच पर आयें धर्मनिरपेक्ष पार्टियां, झामुमो पहल करेः भुवनेश्वर मेहता
भाकपा के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि आगामी झारखंड विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और उसके गठबंधन को हराने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को एक मंच पर आना चाहिए। राज्य की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को पहल करनी चाहिए। सभी को सम्मानजनक समझौता के तहत चुनाव लड़कर भारतीय जनता पार्टी को हराना चाहिए।
समझौता नहीं हुआ तो 19 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी भाकपा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने गठबंधन से 6 सीटों की मांग की है। अगर समझौता नहीं होता है तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राज्य की 19 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसकी तैयारी पहले से ही चल रही है। चिह्नित किए गए विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव की तैयारी को तेज करने के लिए कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर क्षेत्र में सभा एवं चुनाव से संबंधित सारे कार्यक्रमों को तेज करने को कहा गया।
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