रांची। विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान भले ही अभी न हुआ हो लेकिन भाजपा में टिकट की टिकटिक तेज हो गई है। टिकट के इच्छु़क दावेदार रांची से दिल्ली तक अपने पैरोकार तलाश रहे हैं। हालांकि इनमें से कईयों के मंसूबों पर पानी फिरना तय माना जा रहा है। भाजपा ने हरियाणा और महाराष्ट्र में टिकट के लिए जो फार्मूला इजाद किया है यदि उस पर झारखंड में अमल हुआ तो कईयों को नाउम्मीद होना पड़ेगा।
पार्टी आलाकमान ने हरियाणा और महाराष्ट्र में यह स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ काम करने वाले विधायकों को ही दुबारा टिकट मिलेगा। वहीं, विधायकों व सांसदों के बेटे-बेटियों को कतई टिकट नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं लोकसभा की तर्ज पर उम्रदराज विधायकों के टिकट भी कट सकते हैं। तय है हरियाणा और महाराष्ट्र के लिए जो फार्मूला तय होगा उसे एक माह बाद झारखंड में होने वाले चुनाव में भी लागू किया ही जाएगा।
विशेष परिस्थिति में कहीं कुछ फेरबदल की गुंजाइश हो सकती है। पार्टी के अंदरखाने इसे लेकर खासी सुगबुगाहट हैं। कई मौजूदा विधायक भाजपा के इस तयशुदा फार्मूले से डरे हुए हैं। वहीं, एक बड़ी जमात जिसमें पुराने भाजपाइयों के साथ-साथ हालिया कमल थामने वाले भी शामिल है, खासे उत्साहित हैं। जाहिर है मौजूदा विधायकों के टिकट कटेंगे तो नए चेहरों को मौका मिलेगा। वैसे भी पार्टी के आंतरिक सर्वे में यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि झारखंड में भाजपा दस फीसद से अधिक मौजूदा विधायकों के टिकट काटेगी.
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