सर्वोच्च न्यायालय का राम मंदिर पर प्रतिदिन सुनवाई का फैसला स्वागतयोग्य : विहिप

नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने अयोध्या राम मंदिर मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मध्यस्थों की रिपोर्ट में विशेष प्रगति नहीं दिखाई देने पर प्रतिदिन सुनवाई करने के फैसले का स्वागत किया है। 

विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने गुरुवार को कहा कि  अयोध्या राम मंदिर मामले में एक पक्षकार की प्रार्थना पर सर्वोच्च न्यायालय ने मध्यस्थता पैनल को 18 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि यदि इस रिपोर्ट में कोई खास प्रगति नहीं दिखी तो  वह 25 जुलाई से प्रतिदिन मामले की सुनवाई करेगा। आलोक ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह अच्छी खबर है और आशा है कि निर्णय शीघ्र आएगा।

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि राम मंदिर पर निर्णय में वही लोग अड़ंगे डाल रहे हैं जिन्हें पता है कि निर्णय राम मंदिर के पक्ष में ही आना है। कभी इस्माइल फारुखी तो कभी जजों की संख्या, कभी अनुवाद तो कभी मध्यस्थता और कभी मुख्य न्यायाधीश पर महाभियोग। उन्होंने कहा कि जो लोग न्यायालय के निर्णय का इंतजार करने की बात करते हैं वे ही उसकी सुनवाई नहीं होने दे रहे है । असल में उनके लिए यह मात्र एक भूमि का टुकड़ा है जो हमारे लिए जिगर का टुकड़ा है।

बंसल ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि की एक-एक इंच हमारे लिए देवभूमि, पुण्यभूमि, पितृभूमि है। इसका न स्थान्तरण हो सकता है और ना ही कोई बंटबारा। सम्पूर्ण भूमि राम की है तो मध्यस्थता किस काम की। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही दिन कहा था मध्यस्थता से कोई परिणाम नहीं निकलने वाला है । आखिर वही हुआ सर्वोच्च न्यायालय ने आज मध्यस्थता पैनल को 18 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देने के साथ राम मंदिर पर अगली सुनवाई 25 जुलाई को करने का निर्णय दिया है।

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