नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के सुरक्षित प्रवेश की मांग को लेकर दायर याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। याचिका मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के लिए आंदोलन करने वाली बिंदु अम्मिनी ने दायर की है।आज अम्मिनी की ओर से वकील कोलिन गोंजाल्वेस ने इस मामले पर जल्द सुनवाई करने के लिए चीफ जस्टिस एस ए बोब्डे की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन किया। तब कोर्ट ने इस याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करने का आदेश दिया।
याचिका में कहा गया है कि सबरीमला मामले पर दाखिल रिव्यू पिटीशंस पर सुप्रीम कोर्ट के 14 नवम्बर के फैसले के बाद केरल सरकार 10 से 50 साल तक की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दे रही है। अम्मिनी ने कहा है कि जब वह पिछले 26 नवम्बर को कोच्चि सिटी पुलिस कमिश्नर के यहां मंदिर में प्रवेश के लिए सुरक्षा की मांग करने गई थी तो उस पर किसी ने तीखा स्प्रे फेंक दिया था। अम्मिनी ने 26 नवम्बर को तृप्ति देसाई और सरस्वती महाराज के साथ मंदिर में जाने की योजना बनाई थी।याचिका में कहा गया है कि पुलिस सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की अनदेखी कर रही है। 14 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने मामला बड़ी बेंच को भेजने का आदेश दिया था जबकि केरल सरकार ने यह कहते हुए महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने पर रोक लगा दिया कि सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश पर रोक है।
राज्य सरकार के इस रुख से असामाजिक तत्वों को महिलाओं को रोकने का मौका मिल रहा है। पुलिस सुरक्षा नहीं होने की वजह से किसी भी महिला को मंदिर में प्रवेश करना मुश्किल कार्य है।पिछले 14 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को बड़ी बेंच को रेफर कर दिया था। 3-2 के बहुमत वाले फैसले में कहा गया है कि 7 सदस्यीय संविधान बेंच सिर्फ सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश से जुड़े मामले की सुनवाई नहीं करेगी बल्कि वो मस्जिदों और दरगाहों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश और पारसी महिलाओं के खतना जैसी प्रथा पर भी सुनवाई करेगी।
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