नई दिल्ली। मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी और बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर की जमानत रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। 2017 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर साध्वी प्रज्ञा की जमानत रद्द करने की मांग की गई है। मालेगांव ब्लास्ट के एक और आरोपी कर्नल पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने 21 अगस्त को जमानत दे दी थी। पिछले 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर, एनआईए और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता निसार ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर गंभीर आरोप रहने के बावजूद स्वास्थ्य कारणों की वजह से जमानत देने का विरोध किया है। मालेगांव में 29 सितम्बर 2008 में विस्फोट हुआ था। उसमें आठ लोग मारे गए थे जबकि 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। घटना की जांच महाराष्ट्र पुलिस की एटीएस ने की थी। बाद में यह मामला जांच के लिए एनआईए को सौंप दिया गया था। प्रज्ञा ठाकुर की गिरफ्तारी भी एटीएस ने की थी। प्रज्ञा ठाकुर लगभग नौ साल से जेल में थीं। प्रज्ञा ठाकुर पर कथित तौर पर ब्लास्ट की प्लानिंग करने और ब्लास्ट के लिए इस्तेमाल की गई बाइक उपलब्ध कराने का आरोप है।
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