नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित 300 साल पुराने श्रीमंगला बेला भवानी मंदिर के प्रबंधन के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उप्र सरकार से पूछा कि राज्य में मंदिरों और धार्मिक संस्थाओं को नियंत्रित करने के लिए कोई कानून क्यों नहीं है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उप्र सरकार इस संबंध में कानून बनाने पर विचार करे जिसके तहत सरकार गलत प्रबंधन के आरोपों पर मंदिर व धार्मिक संस्था का प्रबंधन अपने अधिकार क्षेत्र में ले सके। कोर्ट ने उप्र सरकार को निर्देश दिया कि वो छह हफ्ते में ये बताएं कि मंदिर के प्रबंधन को लेकर कानून बना रहे हैं या नहीं।
आज सुनवाई के दौरान उप्र के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब केंद्र सरकार का कानून है और अन्य राज्यों ने भी अपने यहां मंदिरों का प्रबंधन करने के लिए मंदिर बोर्ड बनाए हैं तो उप्र के पास उचित कानून क्यों नहीं है? सुनवाई के दौरान उप्र सरकार ने कहा कि सोसायटी के साथ बैठकर बात करनी चाहिए थी। वहां पर श्रद्धालुओं द्वारा करोड़ों रुपये का दान दिया जाता है तो किसी का भी वहां पर आकर्षण हो सकता है। उप्र में और भी कई मंदिर हैं जिसके प्रबंधन को लेकर विवाद है।
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