नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने देश में फुटबॉल की स्थिति में सुधार के लिए इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) को श्रेय दिया है। उन्होंने कहा कि आईएसएल ने भारतीय युवा खिलाड़ियों को दुनिया के महान फुटबॉलरों के साथ लॉकर रूम को साझा करने का अवसर प्रदान किया है।
एक खेल वेबसाइट को दिये साक्षात्कार में सुनील ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में भारतीय फुटबॉल काफी बदला है। फुटबॉल को लेकर अब भारतीय युवाओं की सोच बदल गई है। संदेश झिंगन जैसे युवा खिलाड़ी काफी प्रतिभाशाली और फुटबॉल को लेकर बहुत अधिक जागरूक हैं। झिंगन बहुत अधिक जानकार है और उनमें गति भी है और यह सब आईएसएल की देन है।
34 वर्षीय छेत्री ने देश में युवा फुटबॉलरों की मानसिकता में सुधार के लिए और अधिक मैच खेलने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि देश में एक ऐसे लीग का आयोजन हो, जहां सभी खिलाड़ी कम से कम 50 मैच खेल सकें।
उन्होंने कहा कि इसके लिए रिजर्व डे का आयोजन किया जा सकता है, जहां वे सभी खिलाड़ी जो नियमित मैच के दिन नहीं आए थे, वे फुटबॉल खेल सकें।
उन्होंने कहा, “एक छोटी सी बात हम कर सकते हैं कि जब बहुत सारे युवा खिलाड़ियों को आईएसएल में मौका नहीं मिलता है तो हमारे पास एक रिजर्व मैच हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि चेन्नईयन, बेंगलुरु एफसी के खिलाफ मैच खेलता है अनिरुद्ध थापा, निशु कुमार और गुरसिमरत को खेलने का मौका नहीं मिलता है तो उनके लिए एक रिजर्व मैच होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम वर्तमान में इंटरकांटिनेंटल कप में खेल रही है और टीम को अपने पहले मैच में ताजिकिस्तान के खिलाफ 4-2 से हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम अब अपने अगले मुकाबले में उत्तर कोरिया का सामना करेगी।
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