रांची : झारखंड में लोकसभा चुनाव के दंगल में महागठबंधन का कुनबा एनडीए के सामने पूरी तरह धराशायी हो गया. चुनाव परिणाम के बाद जहां कुछ ने अपनी हार स्वीकार कर ली, तो कुछ अब भी अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ते नजर आ रहे हैं. रांची संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुबोधकांत सहाय ने अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ते हुए महागठबंधन पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि देर से महागठबंधन बना. लिहाजा जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल नहीं हो सका, जिसका खामियाजा उन्हें हार के तौर पर भुगतना पड़ा.
गलत रणनीति और फैसले की वजह से 5 सीटें गंवायीं
सुबोध कांत सहाय ने कांग्रेस की रणनीति पर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि झारखंड की 5 सीटें जो जीती जा सकती थीं, गलत रणनीति और फैसले की वजह से हम वहां हार गए. खूंटी संसदीय सीट पर कांग्रेस की हार को सियासी हार ना मानते हुए सुबोध कांत सहाय ने अर्जुन मुंडा की जीत पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि प्रशासनिक पावर का इस्तेमाल कर अर्जुन मुंडा को यहां जीत दिलाई गई.
बोध कांत सहाय ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने पर दिया जोर
भाजपा के हाथों लगातार दो बार करारी शिकस्त पाने के बाद सुबोध कांत सहाय ने जहां ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने पर जोर दिया है. वहीं कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व को निशाने पर लेते हुए विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस को अपनी रणनीति में बदलाव की सलाह दी है.
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