राज्य अपनी वित्तीय संस्थाओं को पूंजीगत रूप से मजबूत बनाएं : नीति अधिकारी

नयी दिल्ली। नीति आयोग के एक अधिकारी ने कहा है कि राज्य सरकारों को अपनी वित्तीय संस्थाओं को पूंजीगत रूप से मजबूत बनाने की आवश्यकता है ताकि वह लंबी अवधि का कर्ज देने में सक्षम हो और कर्ज प्रवाह पर उनका बेहतर नियंत्रण रहे। नीति आयोग के विशेष सचिव यदुवेंद्र माथुर ने कहा कि वर्तमान में लंबी अवधि के कर्ज पर राज्यों का कोई नियंत्रण नहीं है लेकिन उन्हें उनके वित्तीय निगमों के पुनर्पूंजीकरण से कोई नहीं रोक रहा है। इससे वे उद्यमियों को आकर्षक दरों पर कर्ज दे पाने में सक्षम होंगे। इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित ‘इंडियन स्टेट्स समिट 2019’ के मौके पर माथुर ने कहा, ‘‘राज्य इसके लिये प्रतीक्षा में नहीं रह सकते हैं कि केन्द्र से कुछ आयेगा और उसके बाद हम आग बढ़ेंगे। यह सक्रिय रहकर आगे बढ़ने की दुनिया है, राज्य सरकारों को सही दिशा में बढ़ने के लिये कदम उठाने होंगे।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को अपनी ऋण संस्थाओं में गंभीरता से निवेश करने एवं उनके ऋण प्रवाह पर नियंत्रण को और मजबूत बनाने की जरूरत है। माथुर ने कहा कि कोई भी राज्य सरकारों को उनके वित्तीय निगमों के पुनर्पूंजीकरण से नहीं रोक रहा है और इसके जरिए वे आकर्षक दर पर उद्यमियों को कर्ज दे सकते हैं।

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