राज्य सरकार बिजली कंपनियों को नहीं देगी सब्सिडी, अब आपके खाते में आएगा पैसा

नई दिल्ली। बिजली क्षेत्र में सुधारों के लिए बिजली मंत्रालय ने नई टैरिफ नीति तैयार कर ली है। इस टैरिफ नीति का कैबिनेट नोट सभी मंत्रालयों के पास मंजूरी के लिए भेजा दिया गया है। अगले 10 दिनों में इस नई नीति के आने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी बजट भाषण में बिजली कंपनियों को दिए जाने वाले क्रॉस सब्सिडी को बंद करने की वकालत कर चुकी हैं।

बिजली सब्सिडी ग्राहकों को देने की योजना


बिजली मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, नई टैरिफ नीति में बिजली सब्सिडी को लेकर भी बड़ा बदलाव किया जा रहा है। नई टैरिफ नीति में बिजली सब्सिडी सीधे ग्राहक के बैंक खाते में भेजे जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके लिए राज्यों से एक साल के अंदर बिजली से सिंचाई करने वाले किसानों का रिकॉर्ड तैयार करने के लिए कहा गया है ताकि अगले वित्त वर्ष से उनके बैंक खाते में बिजली सब्सिडी भेजी जा सके। दरअसल, अभी किसानों समेत अन्य उपभोक्ताओं को दिए जाने वाली सब्सिडी बिजली कंपनियों को देने का प्रावधान है। लेकिन राज्य सरकारों की ओर से भुगतान नहीं होने के कारण बिजली कंपनियां घाटे में आ जाती हैं।

हर घर में लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर


नई टैरिफ नीति को मंजूरी मिलने से तीन साल में हर घर में बिजली कनेक्शन और स्मार्ट मीटर लगाने का रास्ता साफ हो जाएगा। इसमें ग्राहकों को आसान किस्तों पर स्मार्ट मीटर उपलब्ध कराने का भी प्रावधान किया गया है।

बिल देने वाले ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा बिजली चोरी का बोझ


नई टैरिफ नीति में बिजली की लागत तय करने में भी बदलाव किया गया है। नई नीति के अनुसार, कंपनियां लागत तय करने के लिए केवल उतनी बिजली ही जोड़ पाएंगी, जितनी की आपूर्ति की गई है। अभी ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन हानि को भी जोड़ दिया जाता है। नई नीति लागू होने के बाद समय पर बिल भरने वाले ग्राहकों को बिजली चोरी का बोझ नहीं पड़ेगा।

आपूर्ति बाधित होने पर ग्राहकों को मिलेगा हर्जाना


नई टैरिफ नीति में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत बिजली आपूर्ति बाधित होने पर ग्राहकों को हर्जाना देने का प्रावधान किया गया है। साथ ही बिजली चोरी नहीं रोक पाने वाली कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

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