छोटे दुकानदारों को वैश्विक कंपनियों के सामन संरक्षित करने, बराबरी का अवसर देने की जरूरत :मेट्रो सीईओ

नई दिल्ली। लगभग छह करोड़ छोटे दुकानदारों के लिए प्रतिस्पर्धा का समान अवसर देने की बात करते हुए, मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया के सीईओ और एमडी अरविंद मेदिरत्ता ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को ‘शीर्ष तीन वैश्विक खुदरा विक्रेताओं’ की और से दी जारी भारी छूट के चलन पर गौर करना चाहिए। उन्होंने यहां भारतीय खुदरा विक्रेता सम्मेलन में कहा कि इन वैश्विक खुदरा विक्रेताओं के पास काफी धन है और पिछले वित्तीय वर्ष में भारतीय बाजार में उन्होंने लगभग छह अरब डॉलर (लगभग 45,000 करोड़ रुपये) का नुकसान सहा, क्योंकि वे लागत से भी कम कीमत पर बेच रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां मैं सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग करूँगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रतिस्पर्धा का समान अवसर हो क्योंकि उनमें से कुछ (वैश्विक खुदरा विक्रेताओं) के पास बहुत काफी पैसा है और शायद वे अगले 10 वर्षों तक लगातार नुकसान झेल सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षों में, किराना स्टोर तथा कपड़ा और जूते जैसे सामान बेचने वाली छोटी दुकानें टिक नहीं पायेंगी। मेदिरत्ता ने कहा, ‘‘हमने अन्य बाजारों में भी देखा है, अमेरिकी बाजार में, एक बार छोटे खुदरा विक्रेता खत्म हो जायें, बड़े खुदरा विक्रेता अचानक कीमतों को बढ़ाना शुरू कर देते हैं।’’ लंबे टिकाऊ स्थायी समाधान की अपेक्षा करते हुए, मेदिरत्ता ने कहा कि ये बड़े खुदरा व्यापारी लाभ चाहते हैं और दान पुण्य करने के लिए यहां नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे भारत में रुचि रखते हैं क्योंकि भारत एक बड़ा बाजार है। कीमतें कम हैं, क्योंकि वे लागत से नीचे बेच कर बाजार हिस्सेदारी खरीद रहे हैं। ये ऐसे लोग हैं जो पिछले एक साल से एक रुपये प्रति किलोग्राम के भाव चीनी बेच रहे हैं। क्या यह टिकाऊ इंतजाम है? क्या किराना स्टोर उससे प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम सरकार से अनुरोध करेंगे कि वह देश में छोटे दुकानदारों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिस्पर्धा के समान अवसर के बारे में गौर करे क्योंकि अगर वे खत्म हो जाते हैं, अगर छह करोड़ दुकानें बंद हो जाती हैं, तो हमें बड़े पैमाने पर सामाजिक समस्या का सामना करना होगा।’’ मेदिरत्ता ने कहा कि देश में लगभग छह करोड़ दुकानदार हैं, जिनमें 1.2 करोड़ किराने के और 4.8 करोड़ अन्य दुकानदार शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने सरकार को नोटबंदी और जीएसटी लाने के लिए बधाई दी और कहा कि इन कदमों ने कर से बचने जैसे कुप्रभावों रुके है और डिजिटल भुगतान भी प्रोत्साहित किया गया है। उन्होंने आधुनिक खुदरा प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला, कहा कि अभी भी एक स्टोर खोलने के लिए लगभग 35 से 40 लाइसेंस की आवश्यकता होती है, और उनमें से कई को सालाना नवीनीकृत करने की आवश्यकता होती है। मेट्रो कैश एंड कैरी ने वर्ष 2003 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया। मौजूदा समय में कंपनी 27 थोक वितरण केंद्रों का परिचालन करती है।

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