कोलकाता। लोकसभा चुनाव पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए मछली की आंख की तरह महत्वपूर्ण बन गया है। इसे हर हाल में फतह करने के लिए पार्टी जी-जान से जुटी है। इसी कड़ी में तीन अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी और कोलकाता में दो जनसभा करने वाले हैं। कोलकाता के सबसे बड़े ब्रिगेड परेड मैदान में जनसभा को लेकर कोई मुश्किल नहीं है, लेकिन सिलीगुड़ी में प्रधानमंत्री की जनसभा को सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) ने अनुमति नहीं दी है।
शुक्रवार को प्रदेश भाजपा के महासचिव प्रताप बनर्जी ने बताया कि सिलीगुड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभा को लेकर कई मैदानों को चुना गया, लेकिन एसजेडीए प्रशासन ने कहीं भी पीएम की जनसभा को सहमति नहीं दी है। भाजपा ने इसके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करने का मन बनाया है। प्रधानमंत्री की जनसभा रोकी नहीं जा सकती है। यह संवैधानिक व्यवस्था का अपमान है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विकल्प के तौर पर सिलीगुड़ी रेल मैदान में जनसभा करने के बारे में सोचा है। इसके लिए रेलवे की अनुमति मिल गई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की जनसभा में वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय, भाजपा प्रभारी और पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि इस बार सिलीगुड़ी से भाजपा ने मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया का टिकट काट दिया है और राजू कुमार बिष्ट को यहां से उम्मीदवार बनाया है। पहाड़ पर इस बार राजनीतिक समीकरण बदले हैं। साल 2014 के चुनाव में यहां की मुख्य राजनीतिक पार्टी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा एनडीए का हिस्सा थी और भाजपा के उम्मीदवार के पक्ष में काम किया था, लेकिन इस बार गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष विमल गुरुंग के खिलाफ देशद्रोह की धाराओं के तहत मामला दर्ज है और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) पर ममता बनर्जी के करीबी विनय तमांग का कब्जा है। तृणमूल ने भी चालाकी दिखाते हुए गोजमुमो उम्मीदवार अमर सिंह रॉय को टिकट दिया है।
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